अंतर्राष्ट्रीय
29-Oct-2025
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सियोल(ईएमएस)। उत्तर कोरिया की बढ़ती परमाणु और मिसाइल धमकियों के जवाब में दक्षिण कोरिया ने अपनी सबसे शक्तिशाली बैलिस्टिक मिसाइल ह्यूनमू-5 को दुनिया के सामने पेश कर सनसनी मचा दी है। इसे “मॉन्स्टर मिसाइल” का नाम दिया गया है, क्योंकि इसका आकार, वजन और विनाशकारी क्षमता किसी सामान्य मिसाइल से कहीं अधिक है। रक्षा मंत्री आन ग्यू-बैक ने घोषणा की कि इसका सामूहिक उत्पादन शुरू हो चुका है और 2025 के अंत तक इसे पूरी तरह तैनात कर दिया जाएगा। उन्होंने इसे सियोल की रणनीति का केंद्र बताया, जिसका उद्देश्य उत्तर कोरिया की परमाणु धमकियों का “बैलेंस ऑफ टेरर” के जरिए मुंहतोड़ जवाब देना है। ह्यूनमू-5 एक ग्राउंड-टू-ग्राउंड रोड-मोबाइल बैलिस्टिक मिसाइल है, जिसे सड़क से कहीं भी लॉन्च किया जा सकता है। इसका वजन 36 टन, लंबाई 16 मीटर और पेलोड क्षमता 8 टन तक है। इसे विशेष रूप से डीप पेनिट्रेशन और बंकर-बस्टिंग मिशन के लिए डिज़ाइन किया गया है, यानी उत्तर कोरिया के गहरे भूमिगत ठिकानों, मिसाइल साइलो और कमांड सेंटरों को मिनटों में तबाह करने में सक्षम। इसकी मारक दूरी 600 किलोमीटर तक है, जो हल्के वॉरहेड के साथ और बढ़ सकती है।रक्षा मंत्री ने कहा, उत्तर कोरिया परमाणु हथियार दिखाकर डराए, तो हम पारंपरिक हथियारों से उससे कहीं अधिक मजबूत जवाब देंगे। ह्यूनमू-5 नॉन-न्यूक्लियर डिटरेंस (गैर-परमाणु निरोध) की रीढ़ बनेगी।” यह मिसाइल दक्षिण कोरिया की दो प्रमुख सैन्य योजनाओं- किल चेन और कोरिया मैसिव पनिशमेंट एंड रिटालिएशन-का अभिन्न हिस्सा है, जिनके तहत उत्तर कोरियाई नेतृत्व और हथियार ठिकानों को तुरंत निशाना बनाया जा सकता है।2017 में अमेरिका द्वारा मिसाइल पेलोड प्रतिबंध हटाए जाने के बाद दक्षिण कोरिया ने अपनी मिसाइल तकनीक में क्रांतिकारी प्रगति की। अब वह एशिया की अग्रणी मिसाइल शक्तियों में शुमार है। विशेषज्ञों का मानना है कि ह्यूनमू-5 न केवल क्षेत्रीय सुरक्षा में आत्मनिर्भरता लाएगी, बल्कि सियोल को स्ट्रैटेजिक डिफेंस इंडिपेंडेंस की नई ऊंचाई पर पहुंचाएगी। विश्लेषकों के अनुसार, यह मिसाइल किम जोंग उन के लिए गंभीर रणनीतिक चुनौती है। अब दक्षिण कोरिया के पास ऐसी ताकत है जो किसी भी परमाणु ठिकाने या कमांड सेंटर को मिनटों में ध्वस्त कर सकती है। ह्यूनमू-5 की तैनाती से पूर्वी एशिया में शक्ति संतुलन बदल सकता है और उत्तर कोरिया को हर कदम पर दो बार सोचना पड़ेगा। यह मिसाइल सिर्फ हथियार नहीं, बल्कि सियोल की नई सैन्य आत्मविश्वास का प्रतीक है। वीरेंद्र/ईएमएस 29 अक्टूबर 2025