31-Oct-2025
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रक्षा विशेषज्ञ उठा रहे सवाल जकार्ता (ईएमएस)। इंडोनेशिया के एक अधिकारी ने खुलासा किया है कि उनका देश कम से कम 42 चीनी जे-10सी लड़ाकू विमान खरीदने का इच्छुक है, चीन के इस लड़ाकू विमान को राफेल से टक्कर लेने वाला बताया जाता है। यह चौंकाने वाला है क्योंकि इंडोनेशिया पहले ही इन विमानों में भी रुचि दिखा चुका है। इंडोनेशिया ने तुर्की से कान पांचवीं पीढ़ी का लड़ाकू विमान (समझौते पर दस्तखत भी किए हैं)। वहीं दक्षिण कोरिया से केएफ-21 बोरामे, और अमेरिका से एफ-15 ईएक्स ईगल सेंकड खरीदने की इच्छा जता चुका है। इंडोनेशियाई वायु सेना पहले से ही लॉकहीड-मार्टिन एफ-16 मल्टी रोल फाइटर जेट इस्तेमाल कर रही है। इसके अलावा उसके पास रूसी सुखोई एसयू-27/30, दक्षिण कोरियाई केएआई टी-50 हल्के लड़ाकू विमान और पुराने बीएई हॉक हल्के हमलावर विमान/प्रशिक्षक भी हैं। लेकिन ये सभी विमान अब पुराने हो चुके हैं और सरकार की कोशिश देश के लिए नये विमान खरीदने की है। इस बीच इंडोनेशिया, फ्रांस से भी 42 राफेल फाइटर जेट खरीद रहा है, जिसकी डिलीवरी जल्द शुरू होने वाली है। इसीलिए सवाल ये भी हैं कि क्या वहां चीनी और फ्रांसीसी लड़ाकू विमान एक साथ ऑपरेट कर पाएगा? अब उठ रहे सवाल हैं कि क्या इंडोनेशिया सिर्फ समझौते कर रहा है या वाकई खरीद करेगा, क्योंकि पैसे की कमी है? चीन के साथ दक्षिण चीन सागर विवाद होने पर चीनी विमान खरीदना कितना समझदारी भरा है? क्या वह चीनी और फ्रांसीसी (राफेल) लड़ाकू विमानों को एक साथ ऑपरेट कर पाएगा? अलग-अलग जेट खरीदने से ऑपरेशन संभालना (अलग-अलग मिसाइलें, नेटवर्क इंटीग्रेशन) मुसीबत बन जाएगा। रक्षा विशेषज्ञों की राय (जियो-पॉलिटिकल दृष्टिकोण) के मुताबिक यह जियो-पॉलिटिकल समीकरण साधने की कोशिश हो सकती है। राष्ट्रपति प्रबोवो सुबियांतो बिना किसी साफ रणनीति के बहुपक्षीय गठबंधन का संकेत दे रहे हैं। वे बेहतर डील हासिल करने के लिए अलग-अलग घोषणाएं कर सकते हैं। यह चीन के साथ बेहतर संबंध बनाने और रक्षा उपकरणों में विविधता लाने की कोशिश हो सकती है। सिंगापुर के एस. राजारत्नम स्कूल ऑफ इंटरनेशनल स्टडीज के वरिष्ठ फेलो कॉलिन कोह ने बताया है कि इंडोनेशिया ऐसा चीन के साथ बेहतर संबंध बनाने के लिए भी कर रहा होगा। उन्होंने कहा कि चीन से मजबूत राजनीतिक संबंध बनाने के अलावा उसकी कोशिश अपने रक्षा उपकरणों में विविधता लाने की भी कोशिश हो सकती है। दरअसल, इंडोनेशिया एक 14 हजार द्वीपों वाला देश है और उसे कम से कम लड़ाकू विमानों के 10 स्क्वार्ड्रन चाहिए। लेकिन उसके पास बजट की समस्या है। इसकारण जानकारों का मानना है कि अगर वे अलग अलग फाइटर जेट खरीदता है, तब उसका ऑपरेशन संभालना उसके लिए मुसीबत बन जाएगी, क्योंकि हर फाइटर जेट के लिए अलग अलग मिसाइलें होती हैं, उनका अलग नेटवर्क इंटीग्रेशन होता है, तो क्या वो ऐसा कर पाएगा? ये एक बड़ा सवाल है, जिसपर पहले इंडोनेशिया के अधिकारियों को ध्यान देना चाहिए। आशीष/ईएमएस 31अक्टूबर 2025