* पुरानी बिल्डिंग में अब भी कोई इंतजाम नहीं * यहीं ठंडी रात गुजारेंगे अटेंडर कोरबा (ईएमएस) कोरबा जिला मेडिकल कॉलेज अस्पताल में भर्ती मरीजों के अटेंडर व परिजनों को अब दिन में बैठने व रात में सोने (ठहरने) के लिए भटकना नहीं पड़ेगा। वार्ड के आसपास चार जगह पर वेटिंग एरिया तैयार किया गया है। वेटिंग एरिया में फिलहाल कुछ काम बाकी है, लेकिन अटेंडर व परिजनों के ठहरने की व्यवस्था शुरू हो गई है। हालांकि अस्पताल की पुरानी बिल्डिंग के ऊपर वेटिंग एरिया में रात में ठहरना मुश्किल होगा। खुली छत पर ओटी रूम, पुराने पेइंग वार्ड के ऊपर दोनों ओर वेटिंग एरिया चारों तरफ से खुला है। ठंड में रात में वहां ठहरने पर अटेंडर व परिजनों को ठिठुरन के बीच रात गुजारनी पड़ेगी। अस्पताल प्रबंधन ने इसके लिए कोई तैयारी नहीं की है। मेडिकल कॉलेज के असिस्टेंट मेडिकल सुपरिटेंडेंट डॉ. रविकांत जाटवर का कहना है कि ठंड के हिसाब से जरूरी व्यवस्था की जाएगी। * डीएमएफ से 38 लाख खर्च कर किया तैयार अस्पताल में पुरानी बिल्डिंग, ट्रामा सेंटर व कैजुअल्टी-आईसीयू समेत लेबर रूम के हिस्से में ज्यादातर मरीज भर्ती रहते हैं। ऐसे मरीजों के अटेंडर व परिजन वार्ड या आसपास भटकते थे। वे फर्श पर ही चादर बिछाकर रात में सो जाते थे। इस प्रबंधन के प्रस्ताव पर जिला परेशानी को देखते हुए अस्पताल प्रशासन की ओर से डीएमएफ से करीब 38 लाख रुपए की लागत से चार वेटिंग एरिया बनाने की स्वीकृति दी गई थी। * 400 से ज्यादा लोग ठहरते हैं जिला अस्पताल के मेडिकल कॉलेज होने के बाद आईपीडी की बेड संख्या 150 से बढ़कर 400 से अधिक पहुंच चुकी है। मेडिसिन, सर्जिकल, आई, पीडियाट्रिक, गॉयनिक सहित अन्य विभागों के अलावा जनरल वार्ड में प्रतिदिन बेड क्षमता के अनुसार मरीज भर्ती रहते हैं। इनकी देखरेख के लिए उनके परिजन व परिचित 24 घंटे मौजूद रहते हैं। दूरदराज व ग्रामीण क्षेत्र से पहुंचे मरीजों के साथ परिवार के कई सदस्य व बच्चे भी अस्पताल पहुंचते हैं। ऐसे में मरीजों के साथ अटेंडर व परिजन मिलाकर 400 सौ से अधिक लोग अस्पताल में ठहरते हैं। 08 नवंबर / मित्तल