बेलगावी,(ईएमएस)। भारत और श्रीलंका के बीच 11वां संयुक्त सैन्य अभ्यास “मित्र शक्ति-2025” आज कर्नाटक के बेलगावी स्थित फॉरेन ट्रेनिंग नोड में शुरू हो गया। 10 से 23 नवंबर तक चलने वाले इस अभ्यास में भारत से राजपूत रेजिमेंट के 170 सैनिक और श्रीलंका से गजाबा रेजिमेंट के 135 जवान हिस्सा ले रहे हैं। दोनों वायुसेनाओं से 30 अधिकारी-कर्मी जुड़े हैं। अभ्यास का मुख्य उद्देश्य संयुक्त राष्ट्र अध्याय 7 के तहत सब-कन्वेंशनल ऑपरेशंस, खासकर आतंकवाद-रोधी कार्रवाइयों में समन्वय बढ़ाना है। सैनिक छापेमारी, सर्च एंड डेस्ट्रॉय मिशन, हेलिबोर्न ऑपरेशन का अभ्यास करेंगे। आर्मी मार्शल आर्ट्स, कॉम्बैट रिफ्लेक्स शूटिंग और योग भी शामिल हैं। श्रीलंका की गजाबा रेजिमेंट अनुराधापुरा के निकट सालियापुरा में स्थित है। 1980 में 100 एकड़ पर शुरू हुई यह इकाई राजराटा राइफल्स और विजयबाहु इन्फेंट्री की पहली बटालियनों के विलय से 1982 में बनी। शुरू में 30 सैनिकों से आरंभ होकर यह श्रीलंका की सबसे बहादुर रेजिमेंट बनी, जिसने देश की सुरक्षा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। भारत की राजपूत रेजिमेंट 1778 में स्थापित सबसे पुरानी पैदल सेना इकाई है। “वीर भोग्या वसुंधरा” इसका आदर्श वाक्य है। 1947, 1965, 1971 के युद्धों और कारगिल संघर्ष में इसने अद्वितीय शौर्य दिखाया। कठोर अनुशासन, प्रशिक्षण और राष्ट्रप्रेम की भावना से ओतप्रोत राजपूत सैनिक रेगिस्तान से हिमालय तक हर चुनौती के लिए तैयार रहते हैं। इस बार अभ्यास में ड्रोन, काउंटर-यूएएस सिस्टम का संचालन, हेलिपैड सुरक्षा, घायल निकासी और आपात समन्वय पर जोर है। आधुनिक तकनीकें दोनों सेनाओं की क्षमता बढ़ाएंगी। मित्र शक्ति से सैन्य सामंजस्य, रणनीति साझेदारी और अनुभव आदान-प्रदान मजबूत होगा। आतंकवाद- रोधी दक्षता बढ़ेगी, आत्मविश्वास मजबूत होगा। यह अभ्यास भारत-श्रीलंका रक्षा सहयोग को नई ऊंचाई देगा, पड़ोसी देशों के बीच विश्वास और मित्रता को सुदृढ़ करेगा। वीरेंद्र/ईएमएस/11नवंबर2025 -----------------------------------