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13-Nov-2025
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नई दिल्ली,(ईएमएस)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को कहा, कि केंद्र सरकार द्वारा मंजूर किया गया एक्सपोर्ट प्रमोशन मिशन (ईपीएम) देश की सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम (एमएसएमई) इकाइयों को नई ऊर्जा देगा और भारत की निर्यात प्रतिस्पर्धात्मक क्षमता को बढ़ाने में मदद करेगा। प्रधानमंत्री मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर पोस्ट करते हुए कहा, कि यह मिशन भारत के निर्यात ढांचे को परिणाम-उन्मुख, डिजिटल और प्रभावी प्रणाली की दिशा में ले जाएगा। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, केंद्रीय कैबिनेट ने एक्सपोर्ट प्रमोशन मिशन को मंजूरी दी है, जो न केवल भारत की निर्यात क्षमता बढ़ाएगा बल्कि पहली बार निर्यात करने वाले उद्यमों, एमएसएमई सेक्टर और अधिक श्रम-प्रधान उद्योगों को भी सशक्त करेगा। यह पहल प्रमुख हितधारकों को एक साथ लाकर एक ऐसा तंत्र तैयार करेगी, जो परिणाम आधारित और लचीला होगा। उन्होंने कहा कि इस मिशन के जरिए ‘मेड इन इंडिया’ की पहचान को विश्व बाजार में और मजबूती मिलेगी। यह कार्यक्रम एक कॉम्प्रिहेंसिव, फ्लेक्सिबल और डिजिटल-ड्रिवन फ्रेमवर्क पर आधारित होगा, जिससे वैश्विक बाजारों में भारतीय उत्पादों की पहुंच बढ़ेगी। सरकार ने इस योजना को वित्त वर्ष 2025-26 से 2030-31 तक लागू करने का निर्णय लिया है, जिसके लिए 25,060 करोड़ रुपए का बजट निर्धारित किया गया है। प्रधानमंत्री मोदी ने साथ ही क्रेडिट गारंटी स्कीम को भी एमएसएमई और निर्यातकों के लिए महत्वपूर्ण बताया। उन्होंने कहा, कि इस योजना से वैश्विक प्रतिस्पर्धा में सुधार, सुचारू व्यावसायिक संचालन और आत्मनिर्भर भारत के लक्ष्य को गति मिलेगी। कैबिनेट से मंजूरी मिलने के बाद, नेशनल क्रेडिट गारंटी ट्रस्टी कंपनी लिमिटेड (एनसीजीटीसी) सदस्य क्रेडिट संस्थानों (एमएलआईएस) को 100 प्रतिशत क्रेडिट गारंटी कवरेज प्रदान करेगी। इस योजना से पात्र निर्यातकों जिनमें एमएसएमई इकाइयां भी शामिल हैं, को 20,000 करोड़ रुपए तक की अतिरिक्त ऋण सुविधा उपलब्ध कराई जा सकेगी। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि इन दोनों निर्णयों से भारत की आपूर्ति श्रृंखलाएं मजबूत होंगी, रोजगार के अवसर बढ़ेंगे और आर्थिक आत्मनिर्भरता को नई दिशा मिलेगी। उन्होंने इसे भारत को वैश्विक निर्यात शक्ति के रूप में स्थापित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम बताया। हिदायत/ईएमएस 13नवंबर25