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17-Nov-2025
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बांग्लादेश कोर्ट ने तख्तापलट के वक्त हुईं लोगों की हत्या का दोषी माना -पिछले 15 माह से भारत में रह रहीं पूर्व प्रधानमंत्री ढाका,(ईएमएस)। बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना को अदालत ने सोमवार को दो आरोपों में दोषी करार देते हुए मौत की सजा सुनाई है। ढाका की इंटरनेशनल क्राइम्स ट्रिब्यूनल ने शेख हसीना को हत्या के लिए उकसाने और हत्या का आदेश देने के मामले में दोषी माना है। जानकारी अनुसार जस्टिस गुलाम मुर्तजा की अगुवाई वाली तीन जजों की ट्रिब्यूनल ने सोमवार को फैसला सुनाया है। जस्टिस मुर्तजा की अगुवाई वाली इस ट्रिब्यूनल में जस्टिस मोहम्मद शफीउल आलम महमूद और जस्टिस मोहम्मद मोहितुल हक एनाम चौधरी भी शामिल रहे। कोर्ट ने शेख हसीना को 2024 के छात्र आंदोलन के दौरान हुई हत्याओं का मास्टरमाइंड के आरोपों को सच माना है। इस मामले में कोर्ट ने दूसरे आरोपी पूर्व गृह मंत्री असदुज्जमां खान को भी 12 लोगों की हत्या का दोषी करार दिया और उन्हें भी फांसी की सजा सुनाई है। वहीं, तीसरे आरोपी पूर्व आईजीपी अब्दुल्ला अल-ममून को 5 साल की जेल की सजा सुनाई गई है। ऐसा इसलिए है, क्योंकि ममून सरकारी गवाह बन चुके हैं। हसीना और कमाल की प्रॉपर्टी होगी जब्त कोर्ट में सजा सुनाए जाने पर वहां मौजूद अनेक लोगों ने ताली बजाकर फैसले का स्वागत किया। फांसी की सजा सुनाए जाने के साथ ही कोर्ट ने शेख हसीना और असदुज्जमां कमाल की प्रॉपर्टी जब्त करने के आदेश भी दे दिए हैं। यहां बताते चलें कि फिलहाल दोनों ही नेता बांग्लादेश से बाहर होने के साथ फरार घोषित हैं। जिस कोर्ट की स्थापना की उसी ने सुनाई सजा पूर्व पीएम शेख हसीना को उसी कोर्ट ने मौत की सजा सुनाई, जिसकी स्थापना उन्होंने ही की थी। गौरतलब है कि बांग्लादेश इंटरनेशनल क्राइम्स ट्रिब्यूनल 1971 के बांग्लादेश मुक्ति संग्राम के दौरान हुए वॉर क्राइम्स और नरसंहार संबंधी मामलों की जांच और सजा के लिए स्थापित की गई थी। इस ट्रिब्यूनल का कानून 1973 में बनाया गया, लेकिन कई दशकों तक प्रक्रिया रुकी रही। इसके बाद साल 2010 में शेख हसीना ने इसकी स्थापना की ताकि अपराधियों पर मुकदमा चलाया जा सके। हिदायत/ईएमएस 17नवंबर25