एमससी को रोक लगाने बदलना पड़ा था नियम पर्थ (ईएमएस)। एशेज सीरीज की शुरुआत शुक्रवार से होने जा रही है। इसमें ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड के बीच जबरदस्त प्रतिद्वंद्विता रहती है। दोनो ही टीम जीत के लिए अपन सब कुछ झौंक देती है। एशेज में अधिकतर बार ऑस्ट्रेलियाई टीम जीतती रही है। साल 1882 में एशेज सीरीज की शुरुआत से ही इसमें कई रोमांचक मुकाबले हुए हैं पर साल 1932-33 में खेली गई सीरीज सबसे विवादित रही। ये जेंटलमैन खेलों के इतिहास में एक काले धब्बे की तरह देखी जाती है क्योंकि इस दौरान इंग्लैंड के गेंदबाजों ने मेजबान बल्लेबाजों को घायल करने का प्रयास तक किया। इस कारण ये बॉडीलाइन सीरीज के नाम से बदनाम है। इस सीरीज के बाद दोबारा ऐसा होने से रोकने के लिए क्रिकेट नियमों में बदलाव किया गया। ऑस्ट्रेलियाई अधिकारियों ने मैरीलेबोन क्रिकेट क्लब (एमसीसी) को इस रणनीति के खिलाफ विरोध भी जताया था। तब इंग्लैंड के कप्तान डगलस जार्डिन ने विश्व के महान बल्लेबाज डॉन ब्रैडमैन को रोकने के लिए बॉडीलाइन रणनीति अपनायी थी। इसमें गेंदबाज का लक्ष्य विकेट की जगह बल्लेबाजों के शरीर पर गेंदाबाजी करनी थी। इस सीरीज में इंग्लैंड के गेंदबाज हेरोल्ड लॉरवुड और बिल वोज अपनी तेज गति की गेंदों को मेजबान बल्लेबाज के शरीर को लक्ष्य कर गेंदबाजी कर रहे थे। ताकि बल्लेबाज या तो रक्षात्मक खेले, या फिर गलत शॉट खेलकर कैच आउट हो जाए। लेग साइड पर कई फील्डर्स रखे गये थे, ताकि ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाज रन नहीं बना सके। इस प्रकार की गेंदबाजी खेल भावना के खिलाफ थी क्योंकि इसमें बल्लेबाजों की सुरक्षा के लिए खतरा पैदा हो गया था क्योंकि कई ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ी गंभीर रुप से घायल हुए थे। इस पूरी सीरीज में ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाज रन बनाने के लिए संघर्ष करते नजर आए और आखिरकार इंग्लैंड ने सीरीज 4-1 से अपने नाम कर ली। इंग्लैंड ने सीरीज का पहला मैच 10 विकेट से जीता। इसके बाद ऑस्ट्रेलिया ने वापसी करते हुए दूसरे टेस्ट को 111 रन से जीतकर सीरीज में 1-1 से बराबरी कर ली। इंग्लैंड ने तीसरा मुकाबला 338 रन से जीतकर फिर से बढ़त बनाई। इसके बाद बिस्बेन में खेले गए चौथे टेस्ट को 6 विकेट से जीता और सिडनी में पांचवां और अंतिम मुकाबला 8 विकेट से अपने नाम किया था। गिरजा/ईएमएस 20 नवंबर 2025