विश्व टैलीविजन (दूरदर्शन) दिवस 21 नवंबर आज दुनिया स्मार्टफोन के दौर में पहुँच गई है जहां 5G की स्पीड से इंटर्नेट लोगों के हाथों में पहुँच गया है l बच्चे, वयस्क, यहां तक कि बुजुर्गों के हाथों में भी अब भरपूर इंटर्नेट की पहुँच ने संचार एवं मनोरंजन को और भी सुगम बना दिया है l इससे इंकार नहीं किया जा सकता कि समय समय पर लोगों का इंट्रेस्ट बदलता रहता है, परंतु आज का दिन टैलीविजन को समर्पित हैं, जहां आज़ हम टेलिविजन का महत्व, इतिहास, एवं प्रभाव का अध्ययन करेंगे l अंग्रेजी का शब्द टैलीविजन ग्रीक शब्द ‘टैली’ और लैटिन शब्द ‘विजन’ से मिलकर बना है। ‘टैली’ का अर्थ है ‘दूरी पर’ तथा ‘विजन’ का अर्थ है ‘देखना’ अर्थात जो दूर की चीजों का दर्शन कराए, वह टैलीविजन। आज दूर घटित घटनाओं को घर बैठे देख पाना टैलीविजन का ही कमाल है। इससे हम घर में बैठ कर दुनिया के किसी भी कोने में घटी घटना के प्रत्यक्षदर्शी बन जाते हैं। यह संचार का सर्वाधिक लोकप्रिय माध्यम है जिसका आविष्कार जॉन लोगी बेयर्ड ने 1925 में लंदन में किया था। जॉन बचपन के दिनों में बीमार रहा करते थे, इसलिए स्कूल नहीं जा पाते थे। 13 अगस्त, 1888 को स्कॉटलैंड में पैदा हुए जॉन को टैलीफोन का इतना क्रेज था कि 12 वर्ष की उम्र में उन्होंने खुद ही अपना टैलीफोन बना लिया। वह सोचा करते थे कि एक दिन ऐसा भी आएगा, जब लोग हवा के माध्यम से तस्वीरें भेज सकेंगे। उन्होंने वर्ष 1924 में बक्से, बिस्कुट के टिन, सिलाई की सूई, कार्ड और पंखे की मोटर का इस्तेमाल कर पहला टैलीविजन बनाया था। इसके बाद दुनिया के पहले कामकाजी टैलीविजन का निर्माण 1927 में फिलो फान्र्सवर्थ ने किया, जिसे 1 सितम्बर, 1928 को जनता के सामने पेश किया गया। जॉन लोगी बेयर्ड ने कलर टैलीविजन का आविष्कार 1928 में किया। पब्लिक ब्रॉडकास्टिंग 1940 में हुई और लोगों ने 1960 के दशक में उसे अपनाना शुरू कर दिया था। टैलीविजन शब्द का सर्वप्रथम उपयोग रूसी साइंटिस्ट कांस्टेंटिन परस्कायल ने किया। टैलीविजन से विश्व पर पड़ने वाले प्रभाव और उसके बढ़ते योगदान से होने वाले परिवर्तन को ध्यान में रखकर 17 दिसम्बर, 1996 को सयुक्त राष्ट्र सभा ने 21 नवम्बर को वर्ल्ड टैलीविजन डे के रूप मनाने की घोषणा की। वैसे तो अमरीका में 1941 से ही टैलीविजन लांच हो गया था जो ब्लैक एंड व्हाइट था। इसके एक दशक बाद 1953 में अमरीका में ही सबसे पहले रंगीन टैलीविजन की शुरूआत हुई। टैलीविजन के रिमोट कंट्रोल का आविष्कार यूजीन पोली ने किया था। उनका जन्म 1915 में शिकागो में हुआ था। वह जैनिथ इलैक्ट्रॉनिक्स में काम करते थे। वर्ष 1955 में उन्होंने फ्लैश मैटिक का आविष्कार किया था। वहीं भारत में पहली बार टैलीविजन की शुरूआत 15 सितम्बर, 1959 को हुई। इस ब्लैक एंड व्हाइट स्क्रीन वाले टी.वी. का प्रारंभ में उपयोग शिक्षा एवं ग्रामीण विकास को ध्यान में रखकर किया गया। आरंभ में इसका नाम ‘टैलीविजन इंडिया’ रखा गया। 1975 में ‘टैलीविजन इंडिया’ का नाम बदलकर ‘दूरदर्शन’ कर दिया गया, जो इतना लोकप्रिय हुआ कि यह नाम टी.वी. का ही पर्याय बन गया। 11 जुलाई, 1962 से सैटेलाइट प्रसारण की शुरूआत हुई, जिससे अमरीका और यूरोप के बीच लाइव कार्यक्रमों का आदान-प्रदान हुआ। 15 अगस्त, 1965 को दूरदर्शन से सर्वप्रथम समाचार बुलेटिन की शुरूआत हुई। अगस्त 1975 में भारत में सैटेलाइट की सहायता से 2400 गांवों में सेवा आरंभ की गई। 15 अगस्त, 1982 को भारत की प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के कर कमलों से कलर टैलीविजन की शुरूआत हुई। भारत में दूरदर्शन के विकास के साथ-साथ धारावाहिकों के प्रकाशन, उनके प्रस्तुतीकरण में काफी तेजी आई। ब्लैक एंड व्हाइट टी.वी. से कलर टी.वी., केबल टी.वी. से सैटेलाइट ब्रॉडकास्टिंग से इस फील्ड में अभूतपूर्व विकास हुआ। शुरूआत में कई प्रोग्राम एक निश्चित दिन, निश्चित समय, निश्चित शीर्षक के अंतर्गत प्रसारित होने लगे। तब दर्शक टी.वी. देखने के लिए अत्यधिक उत्साहित रहते और कार्यक्रम तथा फिल्में देखने के लिए सभी में होड़ रहती। टी.वी. हमेशा से मनोरंजन का सबसे सस्ता साधन रहा है। हालांकि, तकनीकी परिवर्तन से मोटा भारी-भरकम टी.वी. हल्का तथा पतला होता चला गया और स्क्रीन का आकार बढ़ता चला गया। आज एल.ई.डी. से लेकर प्लाज्मा स्क्रीन तक टी.वी. के ही रूप हैं जो अब इंटरनैट के साथ जुड़ कर स्मार्ट भी बन चुके हैं। टैलीविजन बनाने वालों को पता है कि स्मार्टफोन के दौर में अगर ज़माने के साथ कदमताल करना है तो उसके साथ खुद को भी स्मार्ट बनाना पड़ेगा, यही कारण है कि श्वेत श्याम स्क्रीन से होते हुए टैलीविजन ने स्मार्ट टीवी तक का सफर तय कर लिया है, और यह एतिहासिक है l (लेखक पत्रकार हैं ) (यह लेखक के व्यक्तिगत विचार हैं इससे संपादक का सहमत होना अनिवार्य नहीं है) .../ 20 नवम्बर/2025