ब्रिटेन, रूस और फ्रांस ने किया खुलकर सदस्यता देने का समर्थन जेनेवा (ईएमएस)। भारत का सालों पुराना सपना पूरा होने वाला है, जिसका भारतवासियों को दशकों से बेसब्री से इंतजार था। भारत उन महाशक्तियों में शुमार होगा, जो दुनिया भर के फैसलों में सीधे दखल देगा। यानी कि भारत की सहमति के बिना अब दुनिया भर में कोई बड़े फैसले नहीं लिए जाएंगे। क्योंकि अब भारत को वीटो का अधिकार मिलने के साथ ही यूएन में स्थायी मेंबरशिप मिलने वाली है। दरअसल 80 साल बाद संयुक्त राष्ट्र संघ के मूलभूत ढांचे में फेरबदल की सुबगाहट तेज हुई है। इस लेकर यूएससी में रिफॉर्म नाम से डिबेट की भी शुरुआत हुई है। डिबेट में संयुक्त राष्ट्र संघ में फेरबदल को लेकर सभी देश अपना-अपना पक्ष रखने वाले है। यूएससी रिफॉर्म डिबेट से जो अब तक संकेत निकल कर सामने आए हैं उससे साफ हो गया है कि अगर फेरबदल की सहमति बनती है, तब भारत को वीटो पावर के साथ यूएन की स्थायी मेंबरशिप मिल सकती है। भारत को यूनाइटेड नेशन की सदस्यता मिलनी चाहिए। इसकी पैरवी ब्रिटेन और रूस हमेशा से करते रहे हैं। लेकिन अब फ्रांस ने भी इसकी घोषणा कर दी है। यूएन में भारत की स्थाई सदस्यता का समर्थन फिर फ्रांस ने किया। फ्रांस ने साफ शब्दों में कहा कि वह भारत को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद यानी यूएससी में स्थायी सदस्य बनाने के लिए समर्थन करता है। फ्रांस ने ना सिर्फ स्थायी सदस्यता बल्कि वीटो पावर के लिए भी भारत का समर्थन किया। फ्रांस ने कहा कि सुरक्षा परिषद में सुधार के दौरान अफ्रीका को दो सीटें मिलनी चाहिए। इसके साथ ही साथ ग्रुप ऑफ फोर यानी ब्राजील, जर्मनी, भारत और जापान को एक-एक सीट दी जानी चाहिए। इन देशों को विशेषाधिकार भी मिलना चाहिए। दूसरी ओर चीन ने भी बड़ा संकेत दिया है। जो भारत को वीटो पावर मिलने को लेकर हमेशा रोड़ा लगता है। दरअसल यूएस रिफॉर्म पर चीन ने भी अपना पक्ष रखा है। चीन की तरफ से यूएन की स्थायी दूत ने बयान दिया है। चीन ने इस बैठक में भारत का विरोध नहीं किया है। चीन ने जी4 के सिर्फ जापान का विरोध किया है। चीन का कहना है कि जापान जिस तरह से ताइवान के मुद्दे पर मुखर है। इससे साबित होता है कि जापान यूएन की स्थाई मेंबरशिप मांगने का कोई अधिकार नहीं रखता। चीन ने जापान पर शांति भंग करने का आरोप लगाया। यानी कि चीन ने खुले तौर पर भारत का भी समर्थन कर दिया है जो भारत के लिए एक बहुत बड़ी खुशखबरी है। आशीष दुबे / 20 नवंबर 2025