राष्ट्रीय
22-Nov-2025
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नई दिल्ली (ईएमएस)। ठंड का मौसम में रात के समय आराम से सोने के लिए कुछ लोग कमरे को पूरी तरह बंद कर हीटर या सिगड़ी चला लेते हैं। यह आरामदायक तरीका कई बार जानलेवा भी साबित हो सकता है। विशेषज्ञों का कहना है कि कमरे में लंबे समय तक हीटिंग उपकरणों का इस्तेमाल करने से दम घुटने, आग लगने और कार्बन मोनोऑक्साइड विषाक्तता का खतरा बढ़ जाता है। इसलिए थोड़ी-सी लापरवाही भी गंभीर हादसे को जन्म दे सकती है। विशेषज्ञ बताते हैं कि सिगड़ी या कोयले से चलने वाले किसी भी पारंपरिक हीटिंग उपकरण से कार्बन मोनोऑक्साइड और कार्बन डाइऑक्साइड जैसी गैसें निकलती हैं। ये गैसें बंद कमरे में जमा होकर हवा की गुणवत्ता खराब कर देती हैं। मनुष्य भी सांस लेते समय कार्बन डाइऑक्साइड बाहर निकालता है, ऐसे में कमरे में ताज़ी हवा का प्रवाह न हो तो ऑक्सीजन का स्तर तेजी से कम होने लगता है। यही कारण है कि कई बार लोग गहरी नींद में ही दम घुटने से बेहोश हो जाते हैं और समय पर बचाव न मिले तो जान भी जा सकती है। इलेक्ट्रिक हीटर भी खतरे से खाली नहीं हैं। इन्हें बिस्तर, पर्दे या किसी कपड़े के पास रख देने पर आग लगने की आशंका काफी बढ़ जाती है। एक्सपर्ट का कहना है कि यदि सिगड़ी या हीटर चलाना जरूरी हो, तो कमरे में उचित वेंटिलेशन होना चाहिए। खिड़की या वेंटिलेटर थोड़ा-सा खुला रखें, ताकि ताज़ी हवा अंदर आती रहे। हीटर या सिगड़ी को कभी भी पूरी रात न चलाएं। इसे केवल एक से दो घंटे ही इस्तेमाल करें और जैसे ही कमरा गर्म हो जाए, उपकरण को तुरंत बंद कर दें। साथ ही सिगड़ी को कभी भी बिस्तर के पास न रखें और उस पर कोई वस्तु गिरने की संभावना न हो, इसका विशेष ध्यान रखें। विशेषज्ञ सलाह देते हैं कि सर्दियों में आराम पाने के लिए सुरक्षित विकल्प हमेशा प्राथमिकता होने चाहिए। गैस हीटर, इम्मर्शन हीटर या अच्छी क्वालिटी के इलेक्ट्रिक रूम हीटर का भी इस्तेमाल करते समय सुरक्षा निर्देशों का पालन करना जरूरी है। यदि घर में बुजुर्ग, बच्चे या बीमार व्यक्ति हों तो कमरे को पूरी तरह बंद करके हीटर चलाना और भी खतरनाक साबित हो सकता है। सुदामा/ईएमएस 22 नवंबर 2025