-जन्मभूमि पहुंचकर मंदिरों में किए दर्शन, संतों की प्रतिमाओं के सामने झुकाया शीश अयोध्या,(ईएमएस)। अयोध्या में राम मंदिर पर ध्वजारोहण से पहले पीएम नरेंद्र मोदी ने एक किलोमीटर लंबा रोड शो किया। इस दौरान सड़क के दोनों ओर मकानों की छतों से पीएम मोदी पर फूल बरसाए गए। रोडशो के दौरान 12 स्थानों पर स्वागत द्वार बनाए गए थे। सात जगह पर सांस्कृतिक मंच बनाए थे। लोक कलाकार अपने गायन व नृत्य से पीएम मोदी का स्वागत और अभिनंदन करते नजर आए। रोडशो करते पीएम मोदी सीधे राम मंदिर पहुंचे और अन्य देवी देवताओं के साथ रामलला का दर्शन पूजन किया। इससे पहले एयरपोर्ट पर यूपी की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल और सीएम योगी आदित्यनाथ ने पीएम मोदी का स्वागत किया। अयोध्या आने से पहले पीएम मोदी ने एक्स पर अपनी यात्रा और ध्वजारोहण के बारे में लिखा- प्रभु श्रीराम भारतवर्ष की आत्मा, उसकी चेतना और उसके गौरव का आधार हैं। मेरे लिए यह परम सौभाग्य की बात है कि अयोध्या के श्रीराम जन्मभूमि मंदिर परिसर में दर्शन-पूजन का अवसर मिल रहा है। इसके बाद रामलला के मंदिर के शिखर पर केसरिया ध्वज के विधिवत आरोहण के ऐतिहासिक क्षण का साक्षी बनूंगा। यह ध्वज भगवान श्रीराम के तेज, शौर्य और उनके आदर्शों के साथ-साथ हमारी आस्था, अध्यात्म और सांस्कृतिक विरासत का प्रतीक है। जय श्रीराम! पीएम मोदी करीब दस बजे अयोध्या पहुंचे और रोड शो किया। इस दौरान सुरक्षा व्यवस्था कड़ी थी। हाथों में तिरंगा व बीजेपी झंडा लेकर लोग बैरीकेटिंग के पीछे खड़े थे। पीएम मोदी सीधे राम जन्मभूमि परिसर पहुंचे। यहां पहले मंदिरों में दर्शन पूजन किए। माता शबरी समेत विभिन्न संतों की प्रतिमाओं के सामने पीएम मोदी ने शीश झुकाया। इसके बाद पीएम मोदी आरएसएस चीफ मोहन भागवत के साथ रामलला के दर्शन किए। रामलला की आरती उतारी। बता दें 22 जनवरी 2024 को राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा के एक साल 10 महीने बाद पीएम मोदी श्रीराम जन्मभूमि के मुख्य शिखर पर धर्मध्वज फहराई। इसके साथ ही राममंदिर की पूर्णता का संदेश भी अयोध्या से पूरे देश को गया। विवाहपंचमी पर होने वाले इस विशाल भव्य आयोजन की सारी तैयारियां एक दिन पहले ही पूरी कर ली गई थीं। 25 नवम्बर को विवाह पंचमी के दिन राम बारात निकलती है जिसे देखने के लिए दूर-दूर से श्रद्धालु आते हैं। यही वजह है कि मंगलवार को पीएम मोदी के धर्म ध्वज फहराई। हालांकि राम बारात का समय पीएम मोदी के कार्यक्रम के बाद रखा गय। इसमें शामिल होने के लिए मठों, होटलों और धर्मशालाओं में सैकड़ों लोग ठहरे हैं। सिराज/ईएमएस 25नवंबर25