लेख
26-Nov-2025
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प्रयागराज का माघ मेला सदियों से भारतीय आध्यात्मिक परंपरा का जीवंत प्रतीक रहा है। पौष पूर्णिमा से लेकर महाशिवरात्रि तक चलने वाला यह पर्व गंगा, यमुना और अदृश्य सरस्वती के पावन संगम पर करोड़ों श्रद्धालुओं को एक साथ जोड़ता है।2026 का माघ मेला विशेष रूप से उल्लेखनीय होने वाला है क्योंकि इसकी तैयारियाँ महाकुंभ जैसी विशालता के स्तर पर की जा रही हैं। अनुमान है कि इस बार मेले में करीब 15 करोड़ श्रद्धालु स्नान के लिए पहुंचेंगे। योगी आदित्यनाथ सरकार ने इसकी तैयारियों को समय से पहले शुरू करते हुए यह सुनिश्चित किया है कि 2024 से अधिक भव्य, सुरक्षित और सुव्यवस्थित मेला 2026 में दिखाई दे। प्रशासनिक समीक्षा भी 15 दिन पहले ही शुरू कर दी गई है, ताकि किसी प्रकार की कमी न रहे। 2026 का माघ मेला क्यों खास होगा? मेले का आकार और अपेक्षित भीड़ की वजह से व्यवस्था चाकचौबंद होगी।2026 का माघ मेला आने वाले वर्षों में महाकुंभ की तैयारियों का आधार बनेगा। अनुमानित भीड़ 15 करोड़ से अधिक हो सकती है।मुख्य स्नान मौनी अमावस्या, वसंत पंचमी, माघ पूर्णिमा आदि अवसर के मौके पर श्रद्धालु विशेष लाभ अर्जित कर सकते है।देश ही नहीं, विदेशों से भी लाखों साधु, संत, श्रद्धालु और पर्यटक का आगमन होगा। 2024 के मुकाबले 2026 में अधिक भीड़ और बेहतर व्यवस्थाओं की चुनौती प्रशासन के सामने है। इसलिए पहले से तैयारी पर जोर दिया गया है। सनातन संस्कृति के प्रति उत्साह माघ मेले की आध्यात्मिक पहचान प्रयागराज के मेले में हर वर्ष दिखने वाली सनातन संस्कृति की जीवंत छटा 2026 में और व्यापक रूप से दिखाई देगी।योग, साधना और तप की परंपराअखाड़ों की शोभायात्राएँ संतों की प्रवचन श्रंखलाएँ गंगा आरती की दिव्यता पुराण, वेद और संत साहित्य पर आधारित कार्यक्रम आयोजित किये जायेंगे।माघ मेला केवल स्नान नहीं, बल्कि भारतीय आध्यात्मिकता का विश्वपटल पर प्रदर्शन भी है। 2026 के लिए सांस्कृतिक और धार्मिक कार्यक्रमों की रूपरेखा पहले से तय की जा रही है।स्नान की व्यवस्था जलस्रोतों की प्रचुरता से और सुगम होगी। संगम क्षेत्र में जल उपलब्धता रहेगी।इस बार संगम और मेले के क्षेत्र में पानी की उपलब्धता को ध्यान में रखते हुए 10 हजार क्यूसेक से लेकर 19 हजार क्यूसेक तक पानी छोड़ा जाएगा। 10,000 क्यूसेक मेला क्षेत्र की सामान्य जल-धारा को सुचारु रखने के लिए उपलब्ध किया जाएगा।19,000 क्यूसेक पानी मुख्य पर्व स्नानों पर बढ़ती भीड़ को देखते हुए उपलब्ध कराया जाएगा।इससे स्नान करने वाले श्रद्धालुओं को न केवल स्वच्छ पानी मिलेगा बल्कि तटों पर भी भीड़ का प्रबंधन आसान होगा। ‘नमामि गंगे’ के माध्यम से गंगा की निर्मलता को प्राथमिकता दी जाएगी।गंगा की स्वच्छता माघ मेले का आधार है। सरकार का प्रमुख लक्ष्य है कि स्नानार्थियों को स्वच्छ, निर्मल और निरंतर प्रवाहित जल मिले। नमामि गंगे परियोजना के तहतनालों का ट्रीटमेंट,गंदे पानी को गंगा में जाने से रोकना और जैविक कचरे का वैज्ञानिक निपटान किया जाएगा। कचरा प्रबंधन के लिए अतिरिक्त टीमें कार्यरत होगी।मशीनों की संख्या दोगुनी बढ़ाने की योजना है।इस बार स्वच्छता अभियान को 24×7 निगरानी में रखने की तैयारी है ताकि मेले की छवि विश्वस्तर पर और बेहतर हो। बिजली और प्रकाश की अभूतपूर्व व्यवस्था होगी। पिछले मेलों की तुलना में 2026 में बिजली की व्यवस्था और अधिक मजबूत होगी। मेला क्षेत्र में 24 घंटे बिजली आपूर्ति होगी। एलईडी हाईमास्ट और सोलर टावर बैकअप जनरेटर और मुख्य स्नान दिनों पर अतिरिक्त बिजली लाइनें की प्रचुर मात्रा में उपलब्धता होगी।रात में प्रकाश की पर्याप्त व्यवस्था से मेले की सुरक्षा और सुविधा दोनों में वृद्धि होगी। सुरक्षा व्यवस्था योगी सरकार की प्राथमिकता रहेगी।हर बड़े आयोजन की तरह सुरक्षा इस बार भी सबसे अधिक महत्वपूर्ण मुद्दा है। सुरक्षा का बहुस्तरीय ढांचा24 घंटे सक्रिय कंट्रोल रूम,साइबर मॉनिटरिंग ड्रोन कैमरे सीसीटीवी का व्यापक नेटवर्कऔर महिला सुरक्षा के लिए पिंक बूथ की व्यवस्था की जाएगी।भीड़ प्रबंधन के लिए एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमेंअलर्ट रहेगी। जल पुलिस की तैनाती भी होगी ।मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने स्वयं सुरक्षा व्यवस्था की समीक्षा की है और किसी प्रकार की चूक न हो, इसके निर्देश भी दिए हैं। सड़क, पुल, और कनेक्टिविटी की प्रचुरता होगी। बड़ा इंफ्रास्ट्रक्चर विस्तार किया जा रहा है ।160 किमी की चकर्ड प्लेट सड़क,लोक निर्माण विभाग (पीडब्लूडी) द्वारा 2026 के माघ मेले के लिए 160 किलोमीटर लंबी चकर्ड प्लेट सड़क बिछाई जाएगी।कीचड़-मुक्त आवागमन भारी वाहनों के लिए मजबूत सतह,आपातकालीन स्थितियों में त्वरित आवाजाही औरश्रम और समय की बचत होगी। नया सड़क नेटवर्क फोर-लेन और सिक्स-लेन मार्ग उपलब्ध होगा।पार्किंग से मुख्य क्षेत्र तक कनेक्टिविटी औरपब्लिक ट्रांसपोर्ट के लिए विशेष रूटनिश्चित किये गए है।बैरिकेडिंग और सिग्नलिंग की उन्नत व्यवस्था होगी। *रेलवे और बस सेवाएँ* भारतीय रेलवे अतिरिक्त ट्रेनें चलाएगा। बसों की संख्या भी बढ़ाई जाएगी ताकि श्रद्धालु बिना परेशानी के मेले में पहुंच सकें। प्रवास और आवास की नयी व्यवस्थाएँ उपलब्ध की जाएगी।भारी संख्या में आने वाले श्रद्धालुओं के लिए सरकार निम्नलिखित सुविधाएँ विकसित कर रही है।विशाल टेंट सिटी साधुओं और अखाड़ों के लिए विशेष क्षेत्र,प्रवासी भारतीयों के लिए अलग सेक्टर,आधुनिक शौचालय और स्नानघर और पेयजल की निरंतर आपूर्ति की जाएगी। महिला और वरिष्ठ नागरिक केंद्र भी खोले जाएंगे।इस बार टेंट सिटी को और विस्तृत और आधुनिक रूप दिया जाएगा। तकनीक का व्यापक उपयोग होगा।2026 के माघ मेले में डिजिटल सुविधाओं का दायरा बढ़ाया जा रहा है।मोबाइल ऐप मार्गदर्शन, लोकेशन, भीड़ अपडेटवाई-फाई हॉटस्पॉट क्यूआर कोड आधारित जानकारी ऑनलाइन खोया–पाया प्रणाली रियल-टाइम भीड़ मॉनिटरिंग होगी।तकनीक के माध्यम से श्रद्धालुओं को हर सुविधा कुछ क्लिक पर उपलब्ध होगी।स्वास्थ्य सेवाएँ भी प्रचुर मात्रा में उपलब्ध होगीं। मेले के हर कोने में चिकित्सा सुविधा,मेले में स्वास्थ्य सेवाओं को इस बार विशेष रूप से मजबूत किया जा रहा है।मोबाइल एंबुलेंस24 घंटे उपलब्ध डॉक्टर प्राथमिक व सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रदवाइयों का पर्याप्त भंडार पानी और भोजन की गुणवत्ता की निगरानी हीटिंग सिस्टम और ठंड से बचाव के उपायआपदा प्रबंधन टीमों को भी पहले से प्रशिक्षित किया जा रहा है। सफाई और कचरा प्रबंधन शून्य प्रदूषण का लक्ष्य होगा।माघ मेला एक पर्यावरण-संवेदी आयोजन है। 2026 में लक्ष्य है। स्वच्छ संगम, स्वच्छ मेला इसके लिए रोजाना लाखों लीटर कचरा निपटान की तैयारी कचरा उठाने के लिए स्मार्ट गाड़ियाँजैविक और अजैविक कचरे का अलग प्रबंधनहै। नदी किनारे सफाई टीमें तैनात होगी।टेंट शहर में विशेष निगरानीकी जाएगी। योगी आदित्यनाथ की समीक्षा और प्रशासनिक प्रतिबद्धता मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने समीक्षा बैठक में कहा किमाघ मेला उत्तर प्रदेश की पहचान है। इसमें किसी भी प्रकार की खामी नहीं रहनी चाहिए।सभी विभाग समय से कार्य पूरा करें।सुरक्षा, स्वच्छता और सुविधा सर्वोच्च प्राथमिकता है।समय से 15 दिन पहले समीक्षा इसलिए कि कोई कार्य अधूरा न रहे।उनके नेतृत्व में 2026 का मेला अब तक का सबसे भव्य, अनुशासित और व्यवस्थित होने की ओर अग्रसर है। आर्थिक और पर्यटन वृद्धि का बड़ा अवसर है। माघ मेला न केवल आध्यात्मिक आयोजन है, बल्कि स्थानीय व्यापार ,पर्यटन,होटल उद्योग परिवहन,हस्तशिल् सभी के लिए बड़ा अवसर लेकर आता है। अनुमान है कि 2026 में मेला हजारों करोड़ रुपये की आर्थिक गतिविधि को बढ़ावा देगा। अंतरराष्ट्रीय छवि विश्व आकर्षण का केंद्र रहेगा।विदेशों से श्रद्धालुओं, पर्यटकों और पत्रकारों का आगमन माघ मेले की वैश्विक पहचान को बढ़ाता है।2026 में विदेशी प्रतिनिधिमंडल अंतरराष्ट्रीय मीडिया सांस्कृतिक पर्यटन टीमविभिन्न दूतावासों के प्रतिनिधि सबकी उपस्थिति इसे विश्व पटल पर अधिक प्रतिष्ठित बनाएगी।2026 का माघ मेला महज धार्मिक आयोजन नहीं, बल्कि भारत की सांस्कृतिक विरासत, आध्यात्मिक शक्ति और प्रशासनिक क्षमता का अद्भुत संगम होगा।महाकुंभ की तर्ज पर की जा रही तैयारी, 15 करोड़ श्रद्धालुओं के स्वागत की अभूतपूर्व योजना, सड़क, सुरक्षा, जल व्यवस्था, स्वच्छता और तकनीकी नवाचार सब मिलकर इसे ऐतिहासिक बनाएँगे।भारतीय सनातन संस्कृति की जीवंत धारा का यह मेला आने वाले दशकों तक एक उदाहरण बनकर रहेगा। ईएमएस/26 नवम्बर 2025