लेख
27-Nov-2025
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कॉमनवेल्थ गेम्स 2030 की मेजबानी गुजरात की राजधानी अहमदाबाद को मिलना न केवल भारत के लिए गौरव का क्षण है, बल्कि विकसित भारत की दिशा में उठाया गया एक ऐतिहासिक कदम भी है। स्कॉटलैंड के ग्लासगो में आयोजित कॉमनवेल्थ स्पोर्ट्स जनरल असेंबली की बैठक के अंत में यह घोषणा आधिकारिक रूप से मुहरबंद हुई, और 26 नवम्बर 2025 को अंतिम सहमति बनने के साथ ही भारत ने विश्व खेल मंच पर एक नया मील का पत्थर स्थापित कर दिया। यह अवसर केवल खेलों का आयोजन नहीं है, बल्कि भारत की युवा ऊर्जा, समृद्ध सांस्कृतिक विरासत, आधुनिक विकास मॉडल और वैश्विक नेतृत्व क्षमता का सामूहिक प्रदर्शन भी होगा। अहमदाबाद, जिसे भारत के सबसे प्रगति‍शील और योजनाबद्ध शहरों में गिना जाता है, अब विश्व खेल संस्कृति का केंद्र बनने जा रहा है। 2030 के कॉमनवेल्थ गेम्स, कॉमनवेल्थ मूवमेंट के 100 वर्ष पूरे होने का उत्सव भी होंगे। इस तरह यह आयोजन केवल खेल प्रतियोगिता नहीं, बल्कि अगले सौ वर्षों की नींव रखने वाला ऐतिहासिक क्षण बन जाएगा। भारत के लिए यह जिम्मेदारी इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि वह ऐसे समय में विश्व मंच पर उभर रही शक्ति के रूप में पहचान बना चुका है।आर्थिक शक्ति, सांस्कृतिक विरासत, तकनीकी नवाचार और खेल प्रतिभा आदि सबका संगम इस आयोजन में उजागर होगा। कॉमनवेल्थ गेम्स 2030 का अहमदाबाद में होना शहर और राज्य दोनों के विकास की कहानी को एक नई धार देगा। सबसे पहले, शहरी विकास को लेकर अहमदाबाद में अभूतपूर्व परिवर्तन देखने को मिलेंगे। आधुनिक खेल अधोसंरचना, विश्वस्तरीय स्टेडियम, अत्याधुनिक परिवहन सुविधाएँ, खिलाड़ियों और पर्यटकों के लिए विशेष आवास व्यवस्था, पर्यावरण-अनुकूल शहरी मॉडल और डिजिटल स्मार्ट व्यवस्थाएँ सब मिलकर अहमदाबाद को एक ग्लोबल स्पोर्ट्स सिटी में बदल देंगी। यह विकास केवल खेलों तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि शहर के रोजमर्रा के जीवन में स्थायी बदलाव लाएगा। नई सड़कें, नए कनेक्टिविटी कॉरिडोर, सुरक्षित ट्रैफिक सिस्टम, हरित क्षेत्र और शहरी सौंदर्यीकरण की योजनाएँ शहर को अगले स्तर पर ले जाएँगी। रोजगार के लिहाज से यह आयोजन युवाओं के लिए अवसरों की एक नई दुनिया खोलेगा। निर्माण क्षेत्र, होटल उद्योग, पर्यटन, परिवहन, तकनीकी सेवाएँ, सुरक्षा, स्वास्थ्य, मीडिया, इवेंट मैनेजमेंट और खेल प्रशिक्षण हर क्षेत्र में हजारों प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोजगार सृजित होंगे। यह आयोजन गुजरात के युवा कौशल और उद्यमिता को अंतरराष्ट्रीय मंच देगा, जिससे राज्य का आर्थिक परिदृश्य और मजबूत होगा। भारतीय खेल उद्योग, जो पहले से ही तेजी से उभर रहा है, इस आयोजन के माध्यम से और भी सशक्त होगा। पर्यटन में वृद्धि कॉमनवेल्थ गेम्स का सबसे बड़ा प्रभावों में से एक होगा। दुनिया भर से लाखों पर्यटक, खिलाड़ी, अधिकारी, मीडिया प्रतिनिधि और खेल प्रेमी अहमदाबाद का रुख करेंगे। इसके साथ ही, गुजरात की समृद्ध सांस्कृतिक विरास जैसे साबरमती आश्रम, स्टैच्यू ऑफ यूनिटी, कच्छ रण, मोढेरा सूर्य मंदिर, दांडी, पाटन की रानी की वाव, द्वारका और सौराष्ट्र का तटीय सौंदर्य-वैश्विक स्तर पर नई पहचान पाएंगे। यह आयोजन केवल अहमदाबाद ही नहीं, पूरे गुजरात को विश्व पर्यटन मानचित्र पर एक प्रमुख स्थान दिलाएगा। कला, हस्तशिल्प, स्थानीय व्यंजन, लोकनृत्य और सांस्कृतिक उत्सवों को भी इस अवसर पर वैश्विक मंच मिलेगा। भारतीय संस्कृति और सभ्यता को प्रोत्साहन देने के लिए भी 2030 के कॉमनवेल्थ गेम्स ऐतिहासिक सिद्ध होंगे। भारत की अतिथि देवो भवकी परंपरा दुनिया के सामने बड़े पैमाने पर प्रदर्शित होगी। उद्घाटन और समापन समारोहों में भारत की समृद्ध विरासत, आधुनिक आकांक्षाएँ और विविधता की भावना का संगम दिखेगा। दुनिया भारत को केवल एक खेल राष्ट्र के रूप में नहीं, बल्कि सांस्कृतिक, सभ्यता और मानवीय मूल्यों के केंद्र के रूप में देखेगी। कॉमनवेल्थ के 72 देशों की मित्रता, सहयोग और सांस्कृतिक आदान-प्रदान का उत्सव अहमदाबाद में साकार होगा। केंद्र सरकार, राज्य सरकार और कॉमनवेल्थ गेम्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया की सामूहिक भूमिका इस आयोजन की सफलता की कुंजी होगी। केंद्र सरकार का विकसित भारत 2047 का संकल्प वैश्विक आयोजनों के माध्यम से मजबूत हो रहा है। राज्य सरकार की सक्रियता और सुशासन मॉडल इस आयोजन के लिए आधार तैयार करेंगे, जबकि कॉमनवेल्थ गेम्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया खेल आयोजन की तकनीकी, संचालनात्मक और अंतरराष्ट्रीय मानकों की जिम्मेदारी निभाएगी। यह त्रिकोणिक समन्वय भारत की हासिल की जा चुकी प्रतिष्ठा और भविष्य की संभावनाओं को और विस्तृत करेगा। कॉमनवेल्थ मूवमेंट के अगले सौ वर्षों की नींव 2030 के इस आयोजन से शुरू होगी। यह केवल खेलों का मंच नहीं, बल्कि एकता, मित्रता, सम्मान, शांति और प्रगति का वैश्विक संदेश है। दुनिया भर के खिलाड़ी, समुदाय और संस्कृतियाँ एक मंच पर आएंगी और यह आयोजन बताएगा कि खेल केवल प्रतिस्पर्धा नहीं, बल्कि संस्कृतियों को जोड़ने, समाजों को प्रेरित करने और मानवता को आगे बढ़ाने का माध्यम भी है। भारत, अपनी युवा ऊर्जा और वैश्विक दृष्टिकोण के साथ, इस आंदोलन को नई दिशा देने के लिए तैयार है। 2030 का अहमदाबाद ऊर्जा, महत्वाकांक्षा और जुनून से भरा शहर दिखाई देगा।दुनिया का स्वागत करेगा। यह आयोजन भारत के बढ़ते आत्मविश्वास और वैश्विक भूमिका को स्थापित करेगा। यह साबित करेगा कि भारत केवल भविष्य की शक्ति नहीं, बल्कि वर्तमान का नेतृत्वकर्ता देश भी है। गुजरात और भारत के लिए यह सदी का अवसर है।जहाँ अतीत की गौरवशाली परंपराएँ, वर्तमान की चुनौतियाँ और भविष्य के सुनहरे सपने एक साथ मिलकर नया इतिहास रचेंगे। कॉमनवेल्थ गेम्स 2030, इसीलिए, केवल खेलों का आयोजन नहीं बल्कि Sbse के विकसित होने की कहानी का सबसे उज्ज्वल अध्याय बनने जा रहा है। (L 103 जलवन्त टाऊनशिप पूणा बॉम्बे मार्केट रोड,नियर नन्दालय हवेली सूरत मो 99749 40324 वरीष्ठ पत्रकार, साहित्यकार, स्तम्भकार) ईएमएस / 28 नवम्बर 25