चेन्नई (ईएमएस)। मद्रास हाईकोर्ट ने छात्रा एम. सत्या को ट्रेन के सामने धक्का देकर हत्या करने के आरोपी डी. सतीश की निचली अदालत से मिली मौत की सज़ा को उम्रकैद में बदला है। उच्च न्यायालय ने कहा कि यह मामला रेयरेस्ट ऑफ रेयर कैटेगरी में नहीं आता है। कोर्ट ने अपराध की क्रूरता के साथ-साथ इन कारकों पर भी विचार किया है। आरोपी की उम्र को देखकर कोर्ट ने उसके सुधरने की संभावना को अधिक माना। कोर्ट ने आरोपी की उम्र, सोशियो-इकोनॉमिक बैकग्राउंड, रिहैबिलिटेशन की संभावना, मनोवैज्ञानिक जांच और जेल के व्यवहार की रिपोर्ट पर भी विचार किया। कोर्ट ने कहा कि रिकॉर्ड में रखी गई चीजें यह नहीं बतातीं कि आरोपी को सुधारा नहीं जा सकता। हाईकोर्ट ने यह भी निर्देश दिया है कि डी. सतीश को 20 साल तक जेल में रहने तक किसी भी कानूनी छूट या जल्दी रिहाई (कम्यूटेशन) पर विचार नहीं किया जाएगा। मामले की पृष्ठभूमि अक्टूबर 2022 में, डी. सतीश ने सेंट थॉमस माउंट रेलवे स्टेशन पर चलती ट्रेन के सामने छात्रा एम. सत्या को धक्का दे दिया था, जिससे उसकी मौत हो गई थी। निचली अदालत ने आरोपी को मौत की सज़ा सुनाई थी। डी. सतीश विद्यालय से ड्रॉप आउट था और सत्या का लगातार पीछा करता था (स्टॉकर)। दोनों के परिवार एक ही पुलिस क्वार्टर में रहते थे। आशीष दुबे / 28 नवबंर 2025