05-Dec-2025
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नई दिल्ली,(ईएमएस)। इंडिगो एयरलाइन में लगातार तीसरे दिन उड़ानें रद्द होने और देरी की स्थिति के बीच राजनीतिक प्रतिक्रियाएं तेज हुई हैं। लोकसभा में नेता विपक्ष राहुल गांधी ने केंद्र पर हमला करते हुए सरकार की मोनोपॉली मॉडल वाली गलत आर्थिक नीतियों का नतीजा बताया। राहुल गांधी ने लिखा, इंडिगो फियास्को इस सरकार के मोनोपॉली मॉडल की कीमत है। फिर से लोगों को देरी, कैंसिलेशन और बेबसी का सामना करना पड़ रहा है। राहुल गांधी ने छपे अपने आर्टिकल के जरिए कहा कि आज देश एक इसतरह के मोड़ पर खड़ा है जहां भय और मुक्त कारोबारी माहौल में से किसी एक को चुनना होगा। ईस्ट इंडिया कंपनी ने आवाज छीनी थी और आज नई मोनोपॉली वही डर वापस आ रहा है। ईस्ट इंडिया कंपनी ने भारत को ताकत से नहीं, बल्कि मोनोपॉली और दबाव की नीति से चुप कराया था। आज वैसा ही माहौल कुछ उद्योगपतियों ने पैदा कर दिया है, जिन्होंने विशाल संपत्ति बनाई, लेकिन देश में आर्थिक असमानता बढ़ा दी। राहुल गांधी का आरोप है कि देश की संस्थाएं अब लोगों की नहीं रहीं, बल्कि इन मोनोपॉली समूहों की सेवा करती दिखती हैं। लाखों छोटे कारोबार चौपट हो रहे हैं और देश नौकरियों का निर्माण नहीं कर रहा है। राहुल गांधी ने भारतीय कारोबारी समुदाय को लेकर कहा कि वे फोन पर बात करने से भी डरते हैं। डरते हैं कि कोई मोनोपॉली समूह और सरकार मिलकर उनके सेक्टर में घुस न जाए? हालांकि उन्होंने कुछ उद्योगपतियों और कंपनियों का जिक्र कर कहा कि वे ईमानदारी से काम करते हैं। राहुल गांधी ने कहा कि ये कंपनियां बताती हैं कि भारत में बिना मोनोपॉली के भी शानदार सफलता संभव है। कांग्रेस सांसद ने कहा कि उनकी राजनीति हमेशा कमजोर और आवाजहीन लोगों की सुरक्षा के लिए खड़ी होती है, लेकिन अब उन्होंने समझा है कि कारोबारी समुदाय भी एक लाइन में खड़ा है और उस लाइन में उन्हीं के साथ अन्याय हो रहा है। सरकारी एजेंसियों का प्रयोग डराने या दबाव डालने के लिए नहीं होना चाहिए। बैंकों को केवल 100 बड़े उधारकर्ताओं पर निर्भर रहने के बजाय प्ले फेयर बिजनेस को भी समर्थन देना चाहिए। आशीष दुबे / 05 दिसंबर 2025