-यह बदलाव 2034 में पुरुषों फुटबॉल विश्व कप की मेजबानी को लेकर किए जा रहे रियाद,(ईएमएस)। सऊदी अरब सख्त कानूनों के लिए जाना जाता है। देश में शराब हराम हैं और उसे बैन किया गया है। हालांकि बीते कुछ समय में सऊदी की शराब नीति में बदलाव का संकेत मिला है। हाल ही में रियाद में एक स्टोर के अमीर ने विदेशी लोगों को व्हिस्की और शैंपेन बेचने की बात सामने आई। शराब की दुकानें पहले सिर्फ डिप्लोमैट के लिए खुली थी, उन्हें अब छूट मिली हैं। खासतौर से अमीर विदेशियों के लिए सऊदी में शराब का विकल्प अब खुलता दिख रहा है। रियाद में अब गैर-मुस्लिम विदेशियों को शराब बेच रहे हैं, बशर्ते उनके पास महंगा प्रीमियम रेजिडेंसी परमिट हो। यह बदलाव क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान के मिशन-2030 के तहत किए जा रहे सामाजिक-आर्थिक सुधारों का हिस्सा है। हालांकि इस बदलाव को लेकर आधिकारिक घोषणा नहीं की गई है। यह बिना शोर-शराबे के किया जा रहा है ताकि विरोध ना हो। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक रियाद के शराब के स्टोर से खरीदारी करने वाले कुछ ग्राहकों ने बताया कि यहां पहले सिर्फ राजनयिकों यानी दूसरे देश के राजदूतों को शराब मिलती थी। अब उन गैर-मुस्लिम विदेशियों को भी शराब बेची जा रही है, जिनके पास प्रीमियम रेजिडेंसी परमिट है। प्रीमियम रेजिडेंसी बहुत अमीर या बहुत पढ़े-लिखे विदेशियों को दिया जाता है, जो सरकारी संस्थानों में काम करते हैं। पिछले एक दशक में क्राउन प्रिंस मोहम्मद ने देश को पूरी तरह से बदल दिया है। धार्मिक पुलिस, ड्रेस कोड और महिलाओं को गाड़ी चलाने पर पाबंदी जैसे मामलों में सऊदी में अब कई तरह की छूट दी जा रही है। सऊदी में शराब नीति की बात की जाए तो सरकार ने आधिकारिक तौर पर 1950 के दशक में शराब पर बैन लगा दिया था। यह प्रतिबंध तब लगा था, जब सऊदी अरब के संस्थापक राजा के बेटे ने शराब के नशे में हुए विवाद में एक ब्रिटिश राजनयिक की हत्या कर दी थी। इस बैन की वजह सऊदी धर्म पर आधारित बताता है क्योंकि कुरआन में मुसलमानों के लिए शराब हराम कही गई है। सऊदी में शराब की बिक्री की अनुमति देने के कई कारण हैं। सऊदी अरब 2034 में पुरुषों के फुटबॉल विश्व कप की मेजबानी करेगा। ऐसे में कई विदेशी मेहमानों को शराब खरीदने कहा जाएंगे। अधिकारी पर्यटन को बढ़ावा देने और सरकार के गैर-तेल राजस्व को बढ़ाने के दबाव में हैं, ऐसे में ये बदलाव किए जा रहे हैं। सिराज/ईएमएस 08 दिसंबर 2025