वाशिंगटन (ईएमएस)। अमेरिका में एक महिला ऐसी है, जो हर वक्त रोती है। महिला किसी दुख की वजह से नहीं रोती है, सह उस महिला का अनोखा पेशा। रोते समय निकलने वाले आंसुओं को यह महिला कांच की छोटी बोतलों में भरकर बेचती है। महिला को एक बोतल आंसूओं के लिए उसे करीब 52 हजार रुपये मिलते हैं। यह काम न सिर्फ उसे आर्थिक तौर पर मजबूत बना रहा है, बल्कि सोशल मीडिया पर उसकी कहानी को लेकर भारी चर्चा भी हो रही है। अमेरिका के मिडवेस्ट में रहने वाली 44 वर्षीय चार बच्चों की मां लिज़ रिवर इन दिनों चर्चा में हैं। लिज़ पेशे से एक कंटेंट क्रिएटर हैं और 21 साल से ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर सक्रिय हैं। उन्होंने खुलासा किया कि दिसंबर का महीना उनके लिए सबसे ज्यादा व्यस्त रहता है क्योंकि इसी दौरान वह सबसे ज्यादा रोती हैं, लेकिन यह रोना मजबूरी में नहीं, बल्कि “वर्क मोड” में होता है। उनके पास कांच के छोटे जार पहले से तैयार रहते हैं जिनमें वे अपने आंसू इकट्ठा करती हैं और बाद में इन्हें अपने प्रशंसकों को बेच देती हैं। लिज़ बताती हैं कि उनके आंसुओं की एक बोतल के बदले लोग 500 पाउंड यानी लगभग 52,000 रुपये तक देने को तैयार रहते हैं। उनकी कमाई से इस बार उनका परिवार शानदार क्रिसमस मना सकेगा। उन्होंने खुश होकर कहा, “अगर मैं आंसू न बेचती, तो हमारा क्रिसमस बहुत साधारण होता।” अब वह एक लाइव क्रिसमस ट्री खरीदने वाली हैं, जिसे बाद में जमीन में दोबारा लगाया जा सकेगा, और पूरा परिवार छुट्टियों में एक साथ समय भी बिता पाएगा। शुरुआत में उनका यह काम बहुत धीमी गति से आगे बढ़ा था और साल में केवल दो-तीन बोतलें ही बिकती थीं, लेकिन धीरे-धीरे उनकी लोकप्रियता बढ़ी और अब तक वह 100 से ज्यादा जार बेच चुकी हैं। भविष्य में वह आंसुओं को माइक्रो-वर्ज़न यानी छोटे चार्म जैसी बोतलों में बेचने की योजना भी बना रही हैं। लिज़ को आंसू बेचने के अलावा अजीबोगरीब मांगों का भी सामना करना पड़ता है। कोई उनसे 20 मिनट का रोते हुए वीडियो मांगता है, तो किसी ने उनके इस्तेमाल किए गए टिश्यू या आंसुओं से भीगे तकिए का कवर खरीदने की इच्छा जताई है। उनका कहना है कि यह काम उन्हें आर्थिक स्वतंत्रता देता है और बच्चों के साथ समय बिताने की आजादी भी। आलोचना और अजीब नजरों के बावजूद लिज़ गर्व से कहती हैं “मुझे अपने काम पर कोई शर्म नहीं, क्योंकि इससे मेरा परिवार खुश और सुरक्षित है।” लिज़ बताती हैं कि आर्थिक तंगी के कारण उन्होंने यह काम शुरू किया था। वह किशोरावस्था में ही मां बन गई थीं और 23 साल की उम्र तक उनके तीन बच्चे हो चुके थे। वेट्रेस की नौकरी से परिवार चलाना मुश्किल था, इसलिए उन्होंने अलग रास्ता चुना। सुदामा/ईएमएस 09 दिसंबर 2025