-दीपम उत्सव से जुड़े कुछ नियमों और परंपराओं को लेकर मतभेद आए थे सामने नागपुर,(ईएमएस)। आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने तमिलनाडु के थिरुप्परनकुंद्रम विवाद पर एक अहम टिप्पणी की। उन्होंने कहा कि यह मुद्दा राज्य के भीतर ही हिंदुओं की एकजुट शक्ति और सामर्थ्य के आधार पर सुलझाया जा सकता है। भागवत ने कहा कि थिरुप्परनकुंद्रम मुद्दा अगर आगे बढ़ाने की जरूरत पड़ी तो बढ़ाया जाएगा। फिलहाल यह मामला अदालत में विचाराधीन है, इसलिए इसे वहीं पर शांतिपूर्वक हल होने दिया जाए। उनके इस बयान को मदुरै दीपम विवाद से जोड़कर देखा जा रहा है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक भागवत ने साफ संकेत दिया कि संगठन चाहकर भी अभी इस मुद्दे को ज्यादा राजनीतिक रंग नहीं देना चाहता, क्योंकि मामला कोर्ट में लंबित है। उन्होंने कहा कि जब तक न्यायिक प्रक्रिया पूरी नहीं हो जाती, तब तक सभी से धैर्य बनाए रखने की अपील है। हालांकि, उन्होंने यह भी जोर देकर कहा कि विवादों का हल स्थानीय स्तर पर मिलकर निकालना ही सर्वोत्तम रास्ता है। इससे समाज में अनावश्यक तनाव नहीं बढ़ता और समुदायों के बीच संवाद बेहतर रहता है। भागवत का यह बयान ऐसे समय में आया है जब तमिलनाडु में धार्मिक मुद्दों को लेकर राजनीतिक बयानबाजी तेज है। थिरुप्परनकुंद्रम क्षेत्र में दीपम उत्सव से जुड़े कुछ नियमों और परंपराओं को लेकर हाल ही में मतभेद सामने आए थे। वहीं प्रशासन का कहना था कि कानून-व्यवस्था की स्थिति ध्यान में रखते हुए कदम उठाए गए। ऐसे माहौल में आरएसएस प्रमुख का हिंदुओं की एकजुट शक्ति से समाधान वाला संदेश राज्य के भीतर सामंजस्य और संवाद के जरिए हल निकालने की दिशा में एक संकेत माना जा रहा है। आरएसएस प्रमुख ने कार्यकर्ताओं से भी अपील की कि किसी भी विवाद को भावनात्मक रूप से नहीं, बल्कि संयम और विवेक से देखें। उन्होंने कहा कि न्याय पर भरोसा रखना चाहिए और जहां समाज की एकता जरूरी हो, वहां सभी समुदायों को मिलकर रास्ता निकालना चाहिए। फिलहाल थिरुप्परनकुंद्रम विवाद पर कोर्ट में सुनवाई जारी है और सभी पक्ष न्यायिक प्रक्रिया के फैसले का इंतजार कर रहे हैं। सिराज/ईएमएस 11दिसंबर25