12-Dec-2025
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भोपाल (ईएमएस) । विगत कुछ वर्षों में साईबर अपराधों मे बेहताशा वृद्धि हुई है, जो आमजन भोली-भाली जनता की मेहनत की कमाई में सेंध लगाने के साथ-साथ पुलिस के लिये भी काफी चुनौतीपूर्ण बन चुका है। ऐसे मामलों के अनुसंधान के लिये अधिकारियो व स्टॉफ को तकनीकि ज्ञान होना बेहद आवश्यक है। इसी क्रम में साईबर प्रकरणों के उत्कृष्ट अनुसंधान हेतु वरिष्ठ अधिकारियों के मार्गदर्शन में नगरीय पुलिस भोपाल के समस्त थानो में साइबर डेस्क में कार्य करने वाले थानों में पदस्थ पुलिस अधिकारियों एवं कर्मचारियों की साइबर अपराधों में दक्षता बढ़ाने के उद्देश्य से आयोजित दो दिवसीय तकनीकी प्रशिक्षण कार्यक्रम का समापन अतिरिक्त पुलिस आयुक्त (मुख्यालय/अपराध) श्रीमती मोनिका शुक्ला द्वारा किया गया। श्रीमती शुक्ला ने प्रशिक्षण के अवसर पर बताया कि विगत वर्षों में साइबर अपराधों में अत्यधिक वृद्धि दर्ज की गई है। साइबर ठग भोली-भाली जनता की मेहनत की कमाई को निशाना बना रहे हैं, जिससे आमजन को आर्थिक हानि होने के साथ-साथ ऐसे मामलों का अनुसंधान पुलिस के लिए भी चुनौतीपूर्ण बन गया है। उन्होंने कहा कि आधुनिक साइबर अपराधों के स्वरूप, तकनीकी पेचीदगियों और डिजिटल साक्ष्यों के विश्लेषण हेतु पुलिस कर्मियों का तकनीकी रूप से सक्षम होना अत्यंत आवश्यक है। यह प्रशिक्षण कार्यक्रम अधिकारियों एवं कर्मचारियों को नवीनतम साइबर ट्रेंड, डिजिटल फॉरेंसिक, ऑनलाइन धोखाधड़ी के तरीकों, सोशल मीडिया अपराधों तथा तकनीकी अनुसंधान की बारीकियों से अवगत कराएगा। प्रशिक्षण कार्यक्रम में डीसीपी क्राइम अखिल पटेल द्वारा मार्गदर्शन दिया गया एवं साइबर क्राइम से जुड़े सभी पहलुओं पर विस्तृत रूप से प्रकाश डाला गया एवं व्यावहारिक मार्गदर्शन दिया गया। एडिशनल डीसीपी शैलेन्द्र सिंह चौहान ने साइबर अपराध से पीड़ित व्यक्तियों के थाना डेस्क पर पहुँचने पर उनसे संवाद, जानकारी और त्वरित की जाने वाली कार्यवाही की जानकारी दी एवं साईबर मामलों मे किस प्रकार से काल डिटेल, टावर लोकेशन, Pstn डेटा, IP एड्रेस, URL आदि कैसे प्राप्त किया जाता है एव्ं विवेचना मे इसका कितना मह्त्व रहता है।साथ ही अपने अनुभव साझा करते हुए बताया कि किस तरह से हम किसी भी गम्भीर अपराधो मे जहां मोबाइल का उपयोग हुआ हैं, उनको किस तरह से डिटेक्ट कर सकते हैं। इसके अतिरिक्त साइबर स्टॉफ द्वारा साईबर लेब मे क्या-क्या सॉफ्टवेयर है, कैसे कार्य करते हैं एवं उनसे हमे क्या क्या जानकारी प्राप्त की जाती है। IP एड्रेस, सर्वर, नेट कैसे काम करता है साथ ही संबंधित कम्पनी हमे कैसे डेटा प्रोवाइड कराती है। इस बारे मे विस्तारपूर्वक जानकारी दी गई। इस बारे मे बेसिक जानकारी देकर प्रशिक्षित किया गया । प्रशिक्षण के दौरान विशेषज्ञ प्रशिक्षकों द्वारा विभिन्न मॉड्यूल्स के माध्यम से व्यावहारिक एवं तकनीकी मार्गदर्शन प्रदान किया जाएगा, जिससे साइबर अपराधों के सफल अन्वेषण में महत्वपूर्ण बढ़ोतरी होने की उम्मीद है। जुनेद/12 दिसंबर2025