अंतर्राष्ट्रीय
15-Dec-2025


सिडनी(ईएमएस)। ऑस्ट्रेलिया के मशहूर बोंडी बीच पर हुई खुलेआम फायरिंग की घटना में शामिल दो आतंकियों की पहचान सामने आ गई है। दोनों आरोपी बाप-बेटे हैं। 50 वर्षीय साजिद अकरम की पुलिस की जवाबी कार्रवाई में मौत हो गई, जबकि उसका 24 साल का बेटा नवीद अकरम हिरासत में है। ऑस्ट्रेलियाई प्रशासन ने इस घटना को आतंकी हमला करार दिया है और उसी आधार पर गहन जांच की जा रही है। इस बीच नवीद की मां का बयान सामने आया है, जिसमें उसने अपने बेटे को सीधा-साधा और निर्दोष बताया है। नवीद की मां ने कहा कि मुझे मेरे बेटे पर गर्व है, क्योंकि वो किसी भी तरह की हिंसक गतिविधि में शामिल नहीं था और उसके पास कोई हथियार तक नहीं था। महिला के अनुसार, घटना वाले दिन दोनों बाप-बेटे घर से यह कहकर निकले थे कि वे मछली पकड़ने और समुद्र किनारे समय बिताने जा रहे हैं। पश्चिमी सिडनी स्थित अपने घर पर उसने मीडिया से बातचीत में बताया कि हाल ही में नवीद की नौकरी चली गई थी, जिससे वह कुछ परेशान जरूर था, लेकिन सामान्य व्यवहार में था। उसने कुछ घंटे पहले ही परिवार से बात की थी और बताया था कि वह बोंडी बीच जाकर तैराकी, स्कूबा डाइविंग और फिशिंग करना चाहता है। नवीद की मां वेरेना का कहना है कि उसका बेटा न तो शराब पीता है, न सिगरेट, और न ही गलत संगत में रहता है। वह रोजाना काम पर जाता था, समय पर घर लौटता था और नियमित रूप से कसरत करता था। उसका कहना है कि नवीद दोस्तों के साथ बेवजह घूमने भी नहीं जाता था और एक अनुशासित जीवन जीता था। वेरेना ने भावुक होकर कहा कि कोई भी मां ऐसे बेटे पर गर्व करेगी। यह हमला यहूदियों के पर्व हनुक्का के दौरान आयोजित एक समारोह के समय हुआ, जिसके कारण इस घटना की संवेदनशीलता और बढ़ गई है। अधिकारियों ने पुष्टि की है कि दोनों आरोपी पाकिस्तानी मूल के हैं। शुरुआती जांच में यह भी सामने आया है कि नवीद ने ऑस्ट्रेलिया के एक इस्लामिक सेंटर में कुरान की शिक्षा ली थी। वह अपने परिवार के साथ पश्चिमी सिडनी में ही रहता था, जबकि उसका पिता साजिद एक फल की दुकान चलाता था। इस हमले में अब तक 16 लोगों की मौत की पुष्टि हो चुकी है, जिससे पूरे देश में शोक और आक्रोश का माहौल है। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी इस घटना की कड़ी निंदा की गई है। इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने इस हमले को लेकर ऑस्ट्रेलियाई प्रधानमंत्री एंथनी अल्बनीज पर निशाना साधते हुए कहा कि फिलिस्तीन को एक राज्य के रूप में मान्यता देने जैसे फैसलों से कट्टरवाद को बढ़ावा मिलता है। फिलहाल ऑस्ट्रेलियाई एजेंसियां हर पहलू से मामले की जांच कर रही हैं। वीरेंद्र/ईएमएस/15दिसंबर2025