- सिर्फ सरकारी दफ्तरों और प्रतिष्ठानों में ही लगाए जाएंगे - स्मार्ट मीटर उपभोक्ताओं को मोबाइल के जरिए हर घंटे मिलेगी खपत की जानकारी नागपुर, (ईएमएस)। महाराष्ट्र में स्मार्ट मीटर लगाने का फैसला केंद्र सरकार की योजना के तहत लिया गया है। लेकिन मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने रविवार को विधानसभा में भरोसा दिलाया कि आम घरेलू उपभोक्ताओं के लिए प्रीपेड मीटर नहीं लगाए जाएंगे। सवाल-जवाब के दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि शुरुआत में हर उपभोक्ता के लिए प्रीपेड स्मार्ट मीटर लगाने का प्रस्ताव था। मगर बड़ी संख्या में आपत्तियों के कारण, राज्य सरकार ने इसे चरणबद्ध तरीके से लागू करने का फैसला किया। पहले चरण में फीडर मीटर और डिस्ट्रीब्यूशन मीटर लगाए गए हैं, और फिलहाल प्रीपेड स्मार्ट मीटर सिर्फ सरकारी दफ्तरों और प्रतिष्ठानों में ही लगाए जा रहे हैं। हालांकि, आम उपभोक्ताओं के लिए सिर्फ पोस्टपेड स्मार्ट मीटर ही लगाए जा रहे हैं। स्मार्ट मीटर अपनाने वाले उपभोक्ताओं के बिजली बिल में 10 प्रतिशत की छूट दिए जाने से अब तक नागरिकों को स्मार्ट मीटर का सीधा फायदा मिला है। स्मार्ट मीटर उपभोक्ताओं को मोबाइल ऐप के जरिए हर घंटे बिजली की खपत की जानकारी देते हैं, जिससे इस्तेमाल को वेरिफाई करना आसान हो जाता है। इसके अलावा, 24 घंटे शिकायत सुलझाने का सिस्टम मौजूद है, और अब तक पांच अलग-अलग कंपनियों के लगाए गए स्मार्ट मीटर में सिर्फ़ एक परसेंट से भी कम गलतियां मिली हैं। स्मार्ट मीटर अगले पांच साल तक पोस्टपेड फॉर्म में रहेंगे, और प्रीपेड मीटर को ज़रूरी बनाने का कोई फ़ैसला नहीं हुआ है। मुख्यमंत्री फडणवीस ने यह भी भरोसा दिलाया कि विधानसभा सदस्यों के सुझावों पर विचार किया जाएगा।