मुंबई (ईएमएस)। भारतीय म्यूचुअल फंड इंडस्ट्री ने नवंबर 2025 तक एसेट अंडर मैनेजमेंट (एयूएम) में नया रिकॉर्ड स्थापित किया है। इंडस्ट्री का एयूएम बढ़कर 80.80 लाख करोड़ रुपए हो गया है, जबकि 2000 में यह केवल 1.03 लाख करोड़ रुपए था। यूटीआई का दबदबा उस समय 66 फीसदी था। 2020 से 2025 के बीच इंडस्ट्री ने लगभग तीन गुना वृद्धि दर्ज की। फोलियो की संख्या मई 2021 में 10 करोड़ थी, जो नवंबर 2025 तक बढ़कर 25.86 करोड़ हो गई। निवेशक अब अधिकतर इक्विटी और हाइब्रिड योजनाओं में निवेश कर रहे हैं। एसआईपी ने निवेश को नियमित आदत में बदल दिया है, जिससे बाजार में स्थिर पूंजी प्रवाह बना हुआ है। डिजिटल प्लेटफॉर्म्स ने निवेश प्रक्रिया आसान कर दी है, जिससे छोटे शहरों और गांवों के निवेशक भी शामिल हो रहे हैं। इसके अलावा भारतीय शेयर बाजार का लंबी अवधि में मजबूत प्रदर्शन निवेशकों का आत्मविश्वास बढ़ा रहा है। सतीश मोरे/15दिसंबर ---