क्षेत्रीय
15-Dec-2025
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- डॉ रितेश रावत और डॉ अभिषेक सेन से मांगी जानकारी - गलत रिर्पोअ बनाने का आरोप - फर्जी रिपोर्ट की तैयार, दोनों पर एफआईआर दर्ज हो-रवि परमार भोपाल(ईएमएस)। भोपाल के एनआरआई नर्सिंग कॉलेज एवं अरनव अस्पताल की कूटरचित एवं फर्जी निरीक्षण रिपोर्ट बनाए जाने के गंभीर मामले में स्वास्थ्य विभाग द्वारा प्रारंभिक कार्रवाई की गई है। मामले को संज्ञान में लेते हुए मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी (सीएमएचओ) भोपाल ने निरीक्षण में लापरवाही एवं अनियमितता बरतने वाले अधिकारियों को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। एनएसयूआई प्रदेश उपाध्यक्ष रवि परमार की शिकायत पर सीएमएचओ डॉ मनीष शर्मा द्वारा जिला टीकाकरण अधिकारी डॉ. रितेश रावत एवं यू.पी.एच.सी. सांई बाबा नगर में पदस्थ डॉ. अभिषेक सेन को नोटिस जारी कर निरीक्षण रिपोर्ट में की गई गंभीर त्रुटियों एवं तथ्यों को लेकर तत्काल स्पष्टीकरण तलब किया गया है। नोटिस में निरीक्षण के दौरान अस्पताल की वास्तविक स्थिति का भौतिक सत्यापन न किए जाने तथा भ्रामक जानकारी प्रस्तुत करने के आरोप शामिल हैं। - क्लीन चिट मिलने के बाद पुलिस कमिशनर से हुई थी शिकायतें अरनव अस्पताल का सीएमएचओ कार्यालय की टीम ने निरीक्षण कर रिपोर्ट तैयार की थी, जिसमें अस्पताल को क्लीन चिट दी गई थी। अब यह रिपोर्ट ही सवालों के घेरे में है। एनएसयूआई का आरेाप है कि अस्पताल में कई ऐसे नर्सिंग स्टाफ के नाम दर्ज हैं, जिन्होंने कभी अरनव अस्पताल में काम ही नहीं किया है। वहीं इस मामले में तीन नर्सिंग ऑफिसर्स ने अलग-अलग शिकायतें पुलिस कमिश्नर से की थीं, जिनमें आरोप लगाया गया कि उनका नर्सिंग सर्टिफिकेशन अरनव अस्पताल ने बिना उनकी जानकारी के इस्तेमाल किया है। इन्हीं शिकायतों के आधार पर एनएसयूआई ने सीएमएचओ डॉ. मनीष शर्मा से शिकायत करते हुए बताया की की अरनव अस्पताल की फर्जी रिपोर्ट तैयार की गई है। अब इसी शिकायत के बाद सीएमएचओ ने अस्पताल के निरीक्षण में शामिल अपनी ही टीम के दो डॉक्टरों को नोटिस दिया है, जिसमें उनसे इन शिकायतों के बाद रिपोर्ट से जुड़े साक्ष्य और स्पष्टीकरण देने को कहा गया है। - एनएसयूआई ने किया था घेराव मामले को लेकर गुरुवार को एनएसयूआई के प्रदेश उपाध्यक्ष रवि परमार और जिला अध्यक्ष अक्षय तोमर के नेतृत्व में कार्यकर्ताओं द्वारा सीएमएचओ कार्यालय का घेराव कर दोषी अधिकारियों के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई की मांग की थी। एनएसयूआई का आरोप है, कि अरनव अस्पताल की निरीक्षण रिपोर्ट जानबूझकर कूटरचित तैयार की गई, जिससे शासन एवं प्रशासन को गुमराह किया गया। प्रदेश उपाध्यक्ष रवि परमार ने कहा कि यह मामला केवल प्रशासनिक लापरवाही नहीं बल्कि गंभीर अपराध की श्रेणी में आता है। उन्होंने दोषी अधिकारियों को तत्काल प्रभाव से निलंबित करने की मांग की , साथ ही पूरे प्रकरण में एफआईआर दर्ज कर आपराधिक कार्रवाई किए जाने की भी मांग उठाई। जुनेद / 15 दिसंबर