राष्ट्रीय
17-Dec-2025
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नई दिल्ली,(ईएमएस)। सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण नियंत्रण के मामले पर सुनवाई के दौरान दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) और भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) से नौ टोल कलेक्शन बूथों को शिफ्ट करने पर विचार करने को कहा। इस दौरान सुप्रीम कोर्ट ने इन टोल कलेक्शन बूथों को एनएचएआई के नियंत्रित क्षेत्र में शिफ्ट करने का सुझाव भी दिया ताकि जाम की समस्या से निजात मिल सके। शीर्ष अदालत ने कहा कि टोल कलेक्शन दोनों एजेंसियों के बीच साझा किया जा सकता है। इसके अलावा, सुप्रीम कोर्ट ने वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (सीक्यूएम) और एमसीडी को नोटिस जारी कर दिल्ली में प्रवेश करने वाले टोल प्लाजाओं पर यातायात जाम को प्रदूषण के स्रोत के रूप में उल्लेख करने वाली याचिका पर उनका जवाब मांगा है। दिल्ली एनसीआर में बढ़ती प्रदूषण की समस्या को देखकर सुप्रीम कोर्ट ने अहम सुझाव दिया है कि वह टोल बूथ को शिफ्ट करे और एक हफ्ते के भीतर इस पर फैसला करें। कोर्ट ने एनएचएआई से कहा है कि विकल्प के तौर पर टोल वसूल कर एमसीडी को हिस्सा देने पर विचार करे। दरअसल सुनवाई के दौरान कोर्ट को उन समस्याओं से अवगत कराया गया, जो दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण की एक बड़ी वजह है। इसमें दिल्ली-गुरुग्राम का एमसीडी टोल प्लाजा भी शामिल है। सुप्रीम कोर्ट को बताया गया कि इस टोल की वजह से घंटों लंबा जाम लगता है। चीफ जस्टिस सूर्यकांत ने कहा कि आप दो महीने के लिए टोल बूथ बंद क्यों नहीं कर सकते। बता दें कि इसके पहले दिल्ली कैबिनेट मंत्री कपिल मिश्रा ने ऐलान किया कि गुरुवार से दिल्ली के सभी सरकारी और निजी संस्थानों में 50 फीसदी वर्क फ्रॉम होम करना अनिवार्य होगा। आशीष दुबे/ 17 दिसंबर 2025