हैदराबाद, (ईएमएस)। तेलंगाना विधानसभा के अध्यक्ष (स्पीकर) गद्दाम प्रसाद कुमार ने बुधवार को भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) के पांच विधायकों के खिलाफ दायर अयोग्यता याचिकाओं को खारिज कर दिया। इन विधायकों पर आरोप था कि उन्होंने सत्तारूढ़ कांग्रेस में शामिल होकर दल-बदल किया है। स्पीकर के इस फैसले के बाद राज्य की राजनीति में हलचल तेज हो गई है। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार जिन पांच विधायकों के खिलाफ अयोग्यता याचिकाएं खारिज की गई हैं, उनमें तेल्लम वेंकट राव, बंडला कृष्ण मोहन रेड्डी, टी. प्रकाश गौड़, गुडेम महिपाल रेड्डी और अरेकापुडी गांधी शामिल हैं। स्पीकर ने हैदराबाद में खुले न्यायालय (ओपन कोर्ट) में इन मामलों पर अपना फैसला सुनाया। गौरतलब है कि विपक्ष की ओर से कुल 10 बीआरएस विधायकों के खिलाफ अयोग्यता याचिकाएं दाखिल की गई थीं। इस पर स्पीकर ने सभी को नोटिस जारी किए थे। इनमें से आठ विधायकों ने अपने जवाब स्पीकर को सौंप दिए हैं, जबकि दो विधायक—दानम नागेंद्र और कादियम श्रीहरि—अब तक जवाब दाखिल नहीं कर पाए हैं। दोनों विधायकों ने अतिरिक्त समय की मांग की है, जिस पर अभी फैसला होना बाकी है। सुप्रीम कोर्ट कर चुका है अवमानना नोटिस यह पूरा मामला उस समय और अहम हो गया था, जब सुप्रीम कोर्ट ने 17 नवंबर को तेलंगाना विधानसभा अध्यक्ष को अवमानना नोटिस जारी किया था। शीर्ष अदालत ने यह नोटिस उन अयोग्यता याचिकाओं पर समय पर निर्णय न लेने को लेकर जारी किया था, जिनमें बीआरएस विधायकों पर कांग्रेस में शामिल होने का आरोप लगाया गया है। सुप्रीम कोर्ट ने स्पीकर को निर्देश दिया था कि वह इन याचिकाओं पर शीघ्र निर्णय लें। सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले की अगली सुनवाई चार सप्ताह बाद निर्धारित की है। ऐसे में स्पीकर द्वारा पांच विधायकों के खिलाफ अयोग्यता याचिकाएं खारिज करने के फैसले को राजनीतिक दृष्टि से महत्वपूर्ण माना जा रहा है। वहीं, जिन दो विधायकों ने अब तक जवाब दाखिल नहीं किया है, उनके मामलों पर आगे क्या रुख अपनाया जाता है, इस पर भी सभी की नजरें टिकी हुई हैं। हिदायत/ईएमएस 17दिसंबर25