राष्ट्रीय
18-Dec-2025
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नई दिल्ली(ईएमएस)। बांग्लादेश की अपदस्थ प्रधानमंत्री शेख हसीना के बेटे और सलाहकार सजेब वाजेद जॉय ने अंतरिम सरकार पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने कहा है कि ढाका में मुहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाली अंतरिम सरकार देश को इस्लामिक शासन की ओर ले जाने की कोशिश कर रही है और इससे भारत की सुरक्षा को भी बड़ा खतरा पैदा हो गया है। बांग्लादेश की अंतरिम सरकार और पाकिस्तान के बीच बढ़ती नजदीकियों को लेकर पूछे गए सवाल पर जॉय ने कहा कि यह भारत के लिए गंभीर चिंता का विषय है। उनके अनुसार, अवामी लीग की सरकार के दौरान भारत की पूर्वी सीमाएं आतंकवाद से सुरक्षित थीं। उन्होंने चेतावनी दी कि इससे पहले के दौर में बांग्लादेश का इस्तेमाल भारत में विद्रोह और आतंकवाद फैलाने के लिए किया जाता था, और अब वह स्थिति दोबारा लौट सकती है।एक इंटरव्यू में 54 वर्षीय सजेब वाजेद जॉय ने कहा कि यूनुस सरकार जमात-ए-इस्लामी और अन्य इस्लामी पार्टियों को खुली छूट दे रही है और चुनाव में धांधली कराके इनको सत्ता में लाने की कोशिश कर रही है। वाजेद फिलहाल अमेरिका में रहते हैं। यह इंटरव्यू ऐसे समय में सामने आया है जब भारत ने बांग्लादेश में बिगड़ती सुरक्षा स्थिति और भारतीय उच्चायोग को धमकी देने वाले चरमपंथी तत्वों की गतिविधियों पर गंभीर चिंता जताते हुए ढाका के उच्चायुक्त को तलब किया। दिल्ली में हालिया आतंकी गतिविधियों और बांग्लादेश में लश्कर-ए-तैयबा के स्थानीय सेल के बीच संबंधों के सवाल पर जॉय ने कहा कि उन्हें यह जानकारी गोपनीय सुरक्षा सूत्रों से मिली है। उन्होंने चेतावनी दी कि बांग्लादेश में आतंकी प्रशिक्षण शिविर फिर से सक्रिय हो चुके हैं, अल-कायदा के जाने-माने आतंकी वहां सक्रिय हैं और पाकिस्तान स्थित लश्कर-ए-तैयबा के कमांडरों ने खुले मंचों से भाषण दिए हैं। उनके अनुसार, इससे भारत और पूरे क्षेत्र के लिए खतरा तत्काल और वास्तविक है। शेख हसीना के खिलाफ सुनाई गई मौत की सजा के बाद दिए गए अपने बयानों को दोहराते हुए जॉय ने कहा कि बांग्लादेश तेजी से एक असफल इस्लामिक राज्य की ओर बढ़ रहा है। उन्होंने आरोप लगाया कि यूनुस सरकार ने जमात-ए-इस्लामी और अन्य इस्लामिक दलों को खुली छूट दे दी है। जॉय के मुताबिक, बांग्लादेश में इस्लामिक पार्टियों को कभी भी पांच प्रतिशत से अधिक वोट नहीं मिले हैं, लेकिन अवामी लीग और अन्य प्रगतिशील व उदारवादी दलों को चुनाव से बाहर रखकर एक धांधली भरा चुनाव कराया जा रहा है, ताकि इस्लामिक ताकतों को सत्ता में स्थापित किया जा सके। भारत की भूमिका पर सवाल के जवाब में सजेब वाजेद जॉय ने कहा कि नई दिल्ली को अंतरराष्ट्रीय समुदाय के साथ मिलकर बांग्लादेश में लोकतंत्र की वापसी के लिए ज्यादा सक्रिय होना चाहिए। उन्होंने कहा कि देश की सबसे बड़ी पार्टी अवामी लीग और तीसरी सबसे बड़ी पार्टी जातीय पार्टी (जातीय पार्टी) को चुनाव से बाहर करना, आधे से ज्यादा मतदाताओं को मताधिकार से वंचित करने जैसा है। उनके अनुसार, ऐसे हालात में होने वाला चुनाव लोकतांत्रिक नहीं बल्कि पूरी तरह से धांधली भरा होगा। बांग्लादेश द्वारा शेख हसीना के प्रत्यर्पण की औपचारिक मांग किए जाने पर जॉय ने कहा कि किसी भी कानूनी प्रत्यर्पण के लिए उचित कानूनी प्रक्रिया का पालन अनिवार्य है। उन्होंने आरोप लगाया कि बांग्लादेश में उनके खिलाफ मामलों में पूरी तरह से ड्यू प्रोसेस का अभाव रहा और उनकी मां को अपने वकीलों से संपर्क तक की अनुमति नहीं दी गई। ऐसे में, जॉय का मानना है कि भारत को इस मामले में कोई कार्रवाई करने की आवश्यकता नहीं है। वीरेंद्र/ईएमएस/18दिसंबर2025