नई दिल्ली(ईएमएस)। इंडिगो की बड़े पैमाने पर उड़ानें रद्द होने के मामले को लेकर संसदीय समिति ने एयरलाइन और नागरिक उड्डयन नियामक के अधिकारियों पर कड़ी नाराजगी जताई है। समिति के समक्ष पेश किए गए जवाबों को असंतोषजनक मानते हुए दोनों पक्षों को 15 दिन बाद दोबारा उपस्थित होने का निर्देश दिया गया है। सूत्रों के अनुसार, बैठक के दौरान उठाए गए अहम सवालों पर न तो एयरलाइन और न ही नियामक अधिकारी ठोस जवाब दे सके, जिससे समिति की चिंता और बढ़ गई। समिति की बैठक में इंडिगो की ओर से मुख्य परिचालन अधिकारी के नेतृत्व में वरिष्ठ अधिकारी शामिल हुए। वहीं, नागरिक उड्डयन मंत्रालय और नियामक संस्था की तरफ से शीर्ष अधिकारी उपस्थित रहे। इसके अलावा देश की अन्य प्रमुख एयरलाइनों के प्रतिनिधि भी बैठक में मौजूद थे। गौरतलब है कि 2 दिसंबर से देशभर में कई दिनों तक सैकड़ों उड़ानें रद्द होने से यात्रियों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा था। एयरपोर्ट पर अफरा-तफरी का माहौल रहा, हजारों यात्री फंसे और वैकल्पिक व्यवस्था की कमी साफ नजर आई। बैठक की अध्यक्षता जदयू सांसद संजय झा ने की। परिवहन, पर्यटन और संस्कृति से जुड़ी संसदीय स्थायी समिति इस मुद्दे पर किसी अंतिम निष्कर्ष पर नहीं पहुंच सकी। समिति ने फैसला किया कि उड़ानों के रद्द होने और उससे उपजी अव्यवस्था की जिम्मेदारी तय करने से पहले नागरिक उड्डयन मंत्रालय द्वारा गठित जांच समिति की रिपोर्ट का इंतजार किया जाएगा। सूत्रों के मुताबिक, समिति ने बैठक में कई तीखे सवाल पूछे। सदस्यों ने जानना चाहा कि संशोधित फ्लाइट ड्यूटी टाइम लिमिटेशन नियम लागू होने के बाद मंत्रालय और नियामक क्या ऐसी स्थिति से निपटने के लिए तैयार थे। यह भी सवाल उठाया गया कि क्या पायलटों की ड्यूटी व्यवस्था में बदलाव से छूट हासिल करने के उद्देश्य से एयरलाइन ने दबाव बनाने की रणनीति अपनाई। इन सवालों पर एयरलाइन और नियामक के प्रतिनिधि स्पष्ट और संतोषजनक जवाब देने में विफल रहे। समिति ने यह भी नाराजगी जताई कि यात्रियों को हुई असुविधा के लिए माफी मांगने के बजाय उड़ानों के रद्द होने का ठीकरा मौसम और तकनीकी कारणों पर फोड़ा गया। समिति का मानना है कि इतने बड़े पैमाने पर उड़ानों का रद्द होना केवल मौसम का परिणाम नहीं हो सकता। इसी वजह से चार सदस्यीय जांच समिति की रिपोर्ट को निर्णायक माना जा रहा है, जिसके 28 दिसंबर तक सौंपे जाने की संभावना है। वीरेंद्र/ईएमएस/18दिसंबर2025