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18-Dec-2025
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-विपक्ष की विधेयक को स्थायी समिति को भेजने की मांग स्पीकर ने की अस्वीकार नई दिल्ली,(ईएमएस)। लोकसभा ने विपक्ष के भारी हंगामे के बीच गुरुवार को विकसित भारत-जी राम जी विधेयक, 2025 पास हो गया। इस बिल पर बुधवार को आधी रात के बाद चर्चा समाप्त हुई थी। चर्चा में 99 सदस्यों ने भाग लिया। यह प्रस्तावित कानून 20 साल पुराने महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (मनरेगा) की जगह लेगा। ग्रामीण विकास मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने विधेयक पर चर्चा का जवाब दिए जाने के बाद सदन ने इसे ध्वनिमत से पारित कर दिया। विधेयक पारित होते ही लोकसभा स्पीकर ओम बिरला ने सदन की कार्यवाही शुक्रवार सुबह 11 बजे तक के लिए स्थगित कर दी। लोकसभा स्पीकर ओम बिरला ने मनरेगा की जगह सरकार द्वारा लाए गए विकसित भारत-जी राम जी विधेयक, 2025 को विचार-विमर्श के लिए संसदीय समिति को भेजने की विपक्ष की मांग को अस्वीकार कर दिया। विधेयक पर बुधवार देर रात तक चर्चा के बाद गुरुवार को जब स्पीकर बिरला ने चर्चा का जवाब देने के लिए ग्रामीण विकास मंत्री शिवराज सिंह चौहान का नाम लिया तो कांग्रेस के सांसद केसी वेणुगोपाल ने विधेयक को संसद की स्थायी समिति या संयुक्त समिति को भेजने की मांग उठाई। उन्होंने कहा कि पूरे सदन की भावना यही है। सरकार इसे संसदीय समिति को भेजे। हम सहयोग को तैयार हैं। स्पीकर बिरला ने इस पर कहा कि इस विधेयक को लेकर 99 सदस्यों ने विचार रखे। देर रात तक इस पर चर्चा हुई। सभी दलों के सदस्यों का विचार आया। मैंने विपक्ष के कहने से चर्चा का समय बढ़ा दिया। उन्होंने विपक्षी सदस्यों से कहा कि इस तरह विरोध करना उचित परंपरा नहीं है। इसके बाद शिवराज सिंह ने विधेयक पर चर्चा का जवाब देना शुरू किया। शिवराज ने कहा कि विपक्ष का इस तरह विरोध करना महात्मा गांधी के अहिंसा के सिद्धांत को तार-तार करना है। इसके बाद विपक्षी सदस्यों ने नारेबाजी शुरू कर दी। विपक्षी सांसदों ने कहा कि जी राम जी विधेयक को वापस लिया जाए या फिर संसदीय समिति के पास भेजा जाए, लेकिन शिवराज ने विपक्ष के आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि महात्मा गांधी हमारे दिलों में बसते हैं। उनका कहना था कि मोदी सरकार महात्मा गांधी और पंडित दीनदयाल उपाध्याय के विचारों पर आधारित कई योजनाएं चला रही है। उन्होंने सवाल किया कि कांग्रेस सरकार ने भी जवाहर रोजगार योजना का नाम बदला था तो क्या यह पंडित जवाहरलाल नेहरू का अपमान था? चौहान ने यह भी कहा कि सरकार ने मनरेगा पर 8.53 लाख करोड़ रुपए खर्च किए हैं। उन्होंने बताया कि हम इस विधेयक में 125 दिन के रोजगार की गारंटी दे रहे हैं। यह कोई कोरी गारंटी नहीं है, बल्कि 1.51 लाख करोड़ रुपए से ज्यादा की राशि का प्रावधान किया गया है। सिराज/ईएमएस 18दिसंबर25