वॉशिंगटन (ईएमएस)। एच5एन1 एवियन इन्फ्लुएंजा वायरस का बदलता स्वरूप न सिर्फ पशुधन स्वास्थ्य, बल्कि भविष्य में मानव स्वास्थ्य के लिए भी बड़ा खतरा बन सकता है। लंबे समय तक केवल पक्षियों तक सीमित माना जाता रहा यह वायरस अब धीरे-धीरे मवेशियों में भी आम बीमारी की तरह फैलता नजर आ रहा है। यह कहना है शोधकर्ता वैज्ञानिकों का। दुनिया की सबसे बड़ी पोल्ट्री और पशुधन आबादी वाले भारत जैसे देशों के लिए यह स्थिति गंभीर चेतावनी है, क्योंकि यहां बर्ड फ्लू के प्रकोप पहले से ही बार-बार सामने आते रहे हैं। ताजा शोध में खुलासा हुआ है कि एवियन एच5एन1 वायरस पिछले छह दशकों में किस तरह धीरे-धीरे रूप बदलता गया है। इस अध्ययन में पाया गया कि हालिया कुछ वेरिएंट पुराने स्ट्रेन की तुलना में गायों की कोशिकाओं और स्तन (मैमरी) ऊतकों को कहीं ज्यादा तेजी से संक्रमित करने में सक्षम हैं। यह शोध ऐसे समय सामने आया है, जब अमेरिका में मार्च 2024 से डेयरी गायों में एच5एन1 के प्रकोप की पुष्टि हो चुकी है और वहां इसका फैलाव चिंता का कारण बना हुआ है। एमआरसी यूनिवर्सिटी ऑफ ग्लासगो के सेंटर फॉर वायरस रिसर्च के वैज्ञानिकों के नेतृत्व में किए गए इस अध्ययन ने वायरोलॉजिस्ट की पुरानी धारणाओं को चुनौती दी है। शुरुआत में गायों में एच5एन1 संक्रमण की खबरों ने वैज्ञानिकों को चौंका दिया था, क्योंकि पहले इस वायरस को मवेशियों में संक्रमण फैलाने वाला नहीं माना जाता था। लेकिन अमेरिका में डेयरी फार्मों में इसके प्रसार और स्तनधारियों में इसके अनुकूलन के सबूत सामने आने के बाद यह साफ हो गया है कि वायरस अपनी सीमाएं तोड़ रहा है। शोधकर्ताओं ने छह दशक से अधिक समय के वायरस डेटा का गहराई से विश्लेषण किया और यह निष्कर्ष निकाला कि एच5एन1 की मवेशियों की कोशिकाओं को संक्रमित करने की क्षमता किसी एक अचानक हुए म्यूटेशन का नतीजा नहीं है। इसके बजाय यह क्षमता कई छोटे-छोटे आनुवंशिक बदलावों के जरिए धीरे-धीरे विकसित हुई है। यानी वायरस ने समय के साथ खुद को इस तरह ढाला है कि वह नए मेजबानों में भी जीवित रह सके और फैल सके। वैज्ञानिकों के अनुसार यही बात सबसे ज्यादा चिंताजनक है। जब कोई वायरस इस तरह क्रमिक रूप से स्तनधारियों के अनुकूल होने लगता है, तो उसके और ज्यादा प्रजातियों में फैलने की संभावना बढ़ जाती है। एच5एन1 की यह क्षमता भविष्य में अन्य जानवरों को भी अपनी चपेट में ले सकती है। इससे यह आशंका भी गहराती जा रही है कि आने वाले समय में ऐसे नए स्ट्रेन उभर सकते हैं, जो मनुष्यों को संक्रमित करने की क्षमता हासिल कर लें। विशेषज्ञ चेतावनी दे रहे हैं कि अगर एच5एन1 ने स्तनधारियों में व्यापक रूप से पैर जमा लिए, तो यह भविष्य की किसी महामारी की नींव बन सकता है। भारत जैसे देशों के लिए, जहां पशुधन और इंसानों के बीच निकट संपर्क आम है, यह खतरा और भी गंभीर हो जाता है। सुदामा/ईएमएस 20 दिसंबर 2025