अंतर्राष्ट्रीय
20-Dec-2025
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वॉशिंगटन,(ईएमएस)। अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने कहा कि अमेरिका पाकिस्तान की उस पेशकश का बहुत आभारी है, जिसमें इस्लामाबाद ने गाजा में प्रस्तावित अंतरराष्ट्रीय स्थिरीकरण बल (आईएसएफ) में शामिल होने या कम से कम इस पर विचार करने की इच्छा जताई है। हालांकि, उन्होंने स्पष्ट किया कि अभी तक किसी भी देश से औपचारिक सहमति नहीं मांगी गई है और न ही प्राप्त हुई है। यह बयान साल के अंत में आयोजित एक लंबी प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान आया, जहां रुबियो से गाजा में शांति स्थापना के लिए पाकिस्तान की भागीदारी पर सवाल पूछा गया। रुबियो ने कहा कि पाकिस्तान ने हिस्सा बनने की पेशकश की है या कम से कम विचार करने की पेशकश की है, जिसके लिए अमेरिका आभारी है। उन्होंने विश्वास जताया कि कई ऐसे देश हैं जो संघर्ष के सभी पक्षों के लिए स्वीकार्य हैं और इस बल में शामिल होने को तैयार हैं। हालांकि, बल के जनादेश, फंडिंग और नियमों को स्पष्ट करने की जरूरत है, ताकि देशों से ठोस प्रतिबद्धता मांगी जा सके। रुबियो के अनुसार, पहले बोर्ड ऑफ पीस और एक फिलिस्तीनी तकनीकी प्रशासनिक ढांचा स्थापित किया जाएगा, उसके बाद ही आईएसएफ का स्वरूप अंतिम रूप लेगा। यह टिप्पणियां ट्रंप प्रशासन की गाजा शांति योजना को आगे बढ़ाने की कोशिशों के बीच आई हैं, जो इजरायल-हमास युद्ध समाप्त करने पर केंद्रित है। योजना में मुस्लिम बहुल देशों से सैनिकों की भागीदारी पर जोर है। पाकिस्तान ने अभी तक सैनिक भेजने का अंतिम फैसला नहीं लिया है, लेकिन विचार कर रहा है। पाकिस्तानी विदेश मंत्री इशाक डार ने पिछले महीने कहा था कि शांति स्थापना में योगदान संभव है, लेकिन हमास को निरस्त्र करना पाकिस्तान की जिम्मेदारी नहीं है। कई देश इस मिशन में शामिल होने को लेकर सतर्क हैं, क्योंकि निरस्त्रीकरण का जनादेश उन्हें सीधे संघर्ष में खींच सकता है और घरेलू स्तर पर विरोध का सामना करना पड़ सकता है। ट्रंप की 20-सूत्री गाजा योजना अक्टूबर में युद्धविराम के बाद आगे बढ़ रही है, लेकिन प्रगति धीमी है। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने नवंबर में योजना को समर्थन देते हुए आईएसएफ गठन की अनुमति दी। अमेरिका ने 70 से अधिक देशों से संपर्क किया है, जिनमें से कुछ ने सैनिक, लॉजिस्टिक्स या उपकरण सहायता की इच्छा जताई है। पाकिस्तान हाल ही में कतर में हुई बैठक में शामिल हुआ, जहां बल की कमांड संरचना पर चर्चा हुई। पाकिस्तानी सेना प्रमुख आसिम मुनीर की वाशिंगटन यात्रा की संभावना है, जहां यह मुद्दा प्रमुख हो सकता है। कुल मिलाकर, आईएसएफ का विचार शुरुआती में है। अमेरिका को कुछ देशों से सकारात्मक संकेत मिले हैं, लेकिन राजनीतिक सहमति, सुरक्षा जोखिम और क्षेत्रीय संवेदनशीलताओं को सुलझाना बाकी है। यह योजना गाजा में स्थायी शांति और पुनर्निर्माण की दिशा में महत्वपूर्ण कदम हो सकती है, यदि अंतरराष्ट्रीय सहयोग मजबूत होता है। वीरेंद्र/ईएमएस/20दिसंबर2025