- लखपति दीदी और नमो ड्रोन दीदी योजनाओं से ग्रामीण महिलाओं को मिली पहचान और आर्थिक मजबूती गांधीनगर (ईएमएस)| सुशासन द्वारा राज्य के नागरिकों को सशक्त बनाने के उद्देश्य के साथ राज्य सरकार हमेशा प्रयासरत रही है। सुदूरवर्ती नागरिकों तक विकास पहुँचाने तथा महिलाओं को सशक्त बनाकर भारत की विकास यात्रा में जोड़ने के लिए विभिन्न पहलें की गई हैं। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मार्गदर्शन में केन्द्र सरकार द्वारा वर्ष 2023 में ‘लखपति दीदी’ योजना शुरू की गई थी। 2027 तक 3 करोड़ महिलाओं को आर्थिक रूप से सक्षम बनाने का इस योजना का उद्देश्य है। गुजरात की महिलाओं को इस योजना का व्यापक लाभ मिले; इसके लिए मुख्यमंत्री श्री भूपेंद्र पटेल के नेतृत्व में व्यापक प्रयास किए गए हैं। परिणामस्वरूप दिसंबर 2025 तक राज्य में लगभग 5 लाख 96 हजार महिलाओं की आय एक लाख रुपए से अधिक तक पहुँची है और वे गर्व के साथ गुजरात की ‘लखपति दीदी’ बनी हैं। मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने कहा है, “प्रधानमंत्री के मार्गदर्शन में गुजरात ने नारी शक्ति के सशक्तिकरण के लिए अनेक सफल आयाम अपनाए हैं। लखपति दीदी योजना के सफल क्रियान्वयन से गुजरात आगामी समय में 10 लाख महिलाओं को लखपति दीदी बनाने के लिए तैयार है।” कच्छ की कंकुबेन गर्वा की वार्षिक आय 10 लाख रुपए से अधिक लखपति दीदी कार्यक्रम को राज्य सरकार ने सफलतापूर्वक जमीनी स्तर पर क्रियान्वित किया है। इसके परिणामस्वरूप महिलाओं के जीवन में उल्लेखनीय परिवर्तन आया है। कच्छ में भुज तहसील के मानकुवा गाँव में रहने वालीं कंकुबेन गर्वा का परिवार परंपरागत रूप से हस्तकला से जुड़ा हुआ है। उन्होंने ‘सरस मेला’ में शामिल होकर उनके कच्छी हस्तकला उत्पाद लोगों के समक्ष प्रस्तुत किए। इसके बाद उन्होंने 1.5 लाख रुपए कम्युनिटी इन्वेस्टमेंट फंड से तथा 4 लाख रुपए के क्रेडिट कैश लोन द्वारा गाँव में ही दुकान शुरू की और स्वयं-सहायता समूह की अन्य महिलाओं को जोड़कर उत्पादन बढ़ाना शुरू किया। आज उनके उत्पाद राज्य के बाहर भी पहुँचे हैं। वे एमेजोन जैसी विख्यात ऑनलाइन साइट्स पर भी बिक्री कर अपना व्यवसाय बढ़ा रही हैं। हाल में वे वार्षिक 10 लाख रुपए से अधिक आय अर्जित कर रही हैं और उनके कहे अनुसार उनकी इस सफलता में राज्य सरकार की ओर से लाइवलीहुड मिशन का सहयोग अत्यंत महत्वपूर्ण रहा है। नमो ड्रोन दीदी योजना से भावनाबेन को मिली नई पहचान बनासकाँठा में काँकरेज तहसील के वरसाडा की निवासी भावनाबेन भरतकुमार चौधरी ने ड्रोन दीदी बनकर आसपास के क्षेत्र में अपनी अलग पहचान बनाई है। उन्होंने बीए तक पढ़ाई की है और वे पशुपालन-खेती के व्यवसाय से जुड़ी हुई हैं। नमो ड्रोन दीदी योजना अंतर्गत ड्रोन द्वारा कीटनाशक का छिड़काव करने के प्रशिक्षण के लिए उनका चयन होने के बाद वे काँकरेज तहसील में ड्रोन दीदी के रूप में जानी जाती हैं। वे गाँव में रहकर अपने सपने साकार कर रही हैं और आसपास की महिलाओं को भी आत्मनिर्भर बनने के लिए प्रेरणा दे रही हैं। उल्लेखनीय है कि कक्षा 10 उत्तीर्ण न्यूनतम योग्यता के साथ 18 से 60 वर्ष आयु समूह की महिलाएँ नमो ड्रोन दीदी योजना अंतर्गत ड्रोन पायलट बन सकती हैं। राज्य में 10 लाख से अधिक संभावित लखपति दीदी की पहचान राज्य के प्रशिक्षित कम्युनिटी रिसोर्स पर्सन (सीआरपी) द्वारा हाल में 10.74 लाख महिलाओं की पहचान की गई है, जो लखपति दीदी बन सकती हैं। चिह्नित की गईं संभावित लखपति दीदी की मौजूदा गतिविधियों तथा उनके पास उपलब्ध स्रोतों, हुए खर्च और आय का विवरण प्राप्त करने के लिए भारत सरकार के ग्रामीण विकास मंत्रालय द्वारा डिजिटल आजीविका रजिस्टर तैयार किया गया है। इस रजिस्टर से प्राप्त जानकारी के आधार पर चिह्नित की गईं लखपति दीदी को उनकी आवश्यकता के अनुसार प्रशिक्षण, एसेट, आर्थिक सहायता तथा मार्केटिंग के लिए आवश्यक सपोर्ट किया जा रहा है। कैसे काम करती है लखपति दीदी योजना ? यह योजना स्वयं-सहायता समूहों से जुड़ी ग्रामीण महिलाओं को व्यवसाय शुरू करने में सहायक बनती है, जिससे उनकी वार्षिक आय एक लाख रुपए से अधिक हो सके। महिलाएँ कृषि, पशुपालन, हस्तकला तथा अन्य स्थानीय क्षेत्रों में व्यवसाय शुरू कर सकती हैं। इसके लिए सरकार की विभिन्न योजनाओं द्वारा प्रशिक्षण, आर्थिक सहायता तथा बाजार से कनेक्टिविटी की सुविधा दी जाती है, जिससे उनकी आय बढ़ सके। केन्द्र सरकार की गाइडलाइन के अनुसार लखपति दीदी के लिए निम्न विवरण अनुसार आय की गणना की जाती है : • कृषि एवं सम्बद्ध व्यवसाय की कुल वार्षिक आय। • नॉन-फार्म एक्टिविटी जैसे कि मैन्युफैक्चरिंग, ट्रेडिंग, सर्विसेज आदि की आय। • परिवार में कोई व्यक्ति नौकरी करता हो, तो उसकी आय। • फार्म तथा नॉन-फार्म व्यवसाय में मजदूरी कार्य से प्राप्त आय। • सरकार के योजनागत लाभ द्वारा प्राप्त राशि। • कमिशन, मानद् वेतन से प्राप्त आय। 248 मास्टर ट्रेनर्स द्वारा 10 हजार से अधिक कम्युनिटी रिसोर्स पर्सन को प्रशिक्षण इस योजना के सफल क्रियान्वयन के लिए गुजरात सरकार ने कुछ महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। तहसील स्तर पर 248 मास्टर ट्रेनर्स की नियुक्ति की गई है, जिन्होंने अब तक 10 हजार से अधिक कम्युनिटी रिसोर्स पर्सन्स को प्रशिक्षण दिया है। ये कम्युनिटी रिसोर्स पर्सन्स स्वयं-सहायता समूहों से जुड़ी महिलाओं को सहयोग देंगे। इस समग्र प्रक्रिया के लिए डिजिटल आजीविका रजिस्टर पर डेटा अपडेट किया जाता है, जो देखरेख के साथ महिला उद्यमियों को प्रशिक्षण, वित्तीय सहयोग एवं मार्केट कनेक्टिविटी देने में सहायक होता है। सतीश/20 दिसंबर