20-Dec-2025
...


- एसपी दफ्तर में आमने-सामने हुए दोनों पक्ष एक ने खाकी पर लगाएं मुर्गा-पार्टी और आगजनी के संगीन आरोप, दूसरे पक्ष ने बताया सोची-समझी साजिश गुना (ईएमएस)| जिले के बमोरी थाना अंतर्गत ग्राम सोनखरा में हाईस्कूल की आरक्षित जमीन पर अतिक्रमण हटाने के दौरान शुरू हुआ विवाद अब एक बड़े प्रशासनिक और राजनैतिक घमासान में बदल गया है। शनिवार को जिला मुख्यालय स्थित पुलिस अधीक्षक कार्यालय में भारी गहमागहमी रही, जहाँ दोनों पक्षों के सैकड़ों ग्रामीणों ने पहुंचकर एक-दूसरे के खिलाफ मोर्चा खोला। एक तरफ जहाँ ग्रामीणों ने पुलिस और सरपंच की जुगलबंदी पर सवाल उठाए, वहीं दूसरी ओर सरपंच समर्थकों ने खुद को निर्दोष बताते हुए कार्रवाई को गलत बताया। ग्रामीणों का आरोप, टीआई ने सामने खड़े होकर लगवाई आग ग्रामीण हरिओम धाकड़ और सोनखरा के अन्य निवासियों ने पुलिस अधीक्षक को सौंपे आवेदन में बमोरी थाना प्रभारी दिलीप राजौरिया पर पद के दुरुपयोग का बेहद गंभीर आरोप लगाया है। ग्रामीणों का कहना है कि शुक्रवार को थाना प्रभारी पुलिस बल के साथ गांव आए और पहले सरपंच सूरज धाकड़ के घर मुर्गा और दारू की पार्टी की। इसके बाद नशे में धुत होकर पुलिस टीम खलिहान पहुंची, जहां वर्षों से किसानों का चारा (भूसा) रखा था। ग्रामीणों का आरोप है कि टीआई ने स्वयं खड़े होकर रोजगार सहायक के लोगों से चारे में आग लगवाई। जब ग्रामीणों ने इसका विरोध किया, तो उनके साथ मारपीट की गई और उन्हें जबरन थाने ले जाकर बिठा दिया गया। इसी बीच गांव में सरपंच द्वारा बुलाए गए बाहरी गुंडों ने घरों में घुसकर महिलाओं-बच्चों को पीटा और लूटपाट की। ग्रामीणों ने मांग की है कि टीआई राजौरिया को तत्काल निलंबित कर उन पर आपराधिक मुकदमा दर्ज किया जाए। सरपंच पक्ष की दलील, अतिक्रमण हटाने पर जानलेवा हमला किया वहीं, दूसरे पक्ष की ओर से बृजमोहन और रूपचंद ने एसपी को ज्ञापन देकर बताया कि शासकीय भूमि पर गांव के दबंगों ने कब्जा कर रखा था। जब स्कूल निर्माण के लिए अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई शुरू हुई, तो मुन्नालाल, गोविंदा, नारायण और अन्य लोगों ने लाठी, डंडों और लोहंगी से हमला कर दिया। इस पक्ष का दावा है कि आरोपियों ने पुलिस को फंसाने और सहानुभूति पाने के लिए स्वयं के खलिहान में आग लगाई। उन्होंने यह भी कहा कि मारपीट के समय सरपंच सूरज धाकड़, प्रेमनारायण और कैलाश टीआई के साथ थे और प्रकाश स्कूल में बच्चों को पढ़ा रहे थे, इसके बावजूद पुलिस ने उन पर झूठा केस दर्ज कर उन्हें गिरफ्तार किया है। उन्होंने धारा 109(1) बीएनएस को हटाने और निर्दोषों को रिहा करने की मांग की। बीते 24 घंटों का घटनाक्रम, हिंसा, अस्पताल और गिरफ्तारियां दरअसल शुक्रवार दोपहर पीडब्ल्यूडी की टीम जब हाईस्कूल के लिए आरक्षित जमीन से अतिक्रमण हटाने पहुंची, तब विवाद बढ़ा। इस दौरान हुई जमकर पत्थरबाजी और लाठी-डंडों के प्रहार में 70 वर्षीय शंकरलाल धाकड़ गंभीर रूप से घायल हो गए। उनके सिर में गहरी चोट आई है और उन्हें बेहोशी की हालत में जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां से उनकी नाजुक हालत को देखते हुए उन्हें अन्यत्र रेफर किया गया है। सरपंच सहित 6 गिरफ्तार पुलिस ने इस मामले में त्वरित कार्रवाई करते हुए हत्या के प्रयास (धारा 109 बीएनएस) सहित अन्य गंभीर धाराओं में मामला दर्ज किया है। अब तक पुलिस ने सरपंच सूरज धाकड़, प्रेमनारायण धाकड़, हरिचरण, कैलाश, मोहनप्रसाद और प्रकाश धाकड़ को गिरफ्तार कर लिया है। घटना की गंभीरता को देखते हुए कलेक्टर किशोर कुमार कन्याल ने स्वयं जिला अस्पताल पहुंचकर घायलों का हाल जाना और निष्पक्ष जांच का आश्वासन दिया। वहीं, एसडीएम शिवानी पांडे ने गांव पहुंचकर वस्तुस्थिति का जायजा लिया। फरार आरोपियों की तलाश पुलिस अधीक्षक अंकित सोनी के अनुसार, मामले में तीन अन्य नामजद आरोपी अवधेश, संजीव और अभिषेक फिलहाल फरार हैं, जिनकी गिरफ्तारी के लिए पुलिस की टीमें लगातार दबिश दे रही हैं। वर्तमान में गांव में भारी पुलिस बल तैनात है और स्थिति तनावपूर्ण लेकिन नियंत्रण में है। एसपी कार्यालय में दिए गए दोनों पक्षों के ज्ञापनों के बाद अब प्रशासन इस बात की जांच कर रहा है कि आगजनी और मारपीट की शुरुआत वास्तव में किस पक्ष ने की थी। - सीताराम नाटानी