-बजरंग दल के कार्यकर्तओं ने इसाई महिला का घर तोड़ा, ब्लिंकिट कर्मी को पीटा रायपुर,(ईएमएस)। कांकेर जिले के आमाबेड़ा में हुई हिंसा और धर्म परिवर्तन के विरोध में कई सामाजिक संगठनों ने बुधवार को छत्तीसगढ़ बंद का आह्वान किया। प्रदेशभर में बंद का असर दिखा। रायपुर, दुर्ग और जगदलपुर में स्कूल, दुकानें और कॉमर्शियल प्रतिष्ठान सुबह से ही बंद रहे। वहीं एमसीबी जिले में बंद बेअसर रहा। वहां सभी दुकानें खुली रहीं। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक वहीं कांकेर में फिर से बवाल हो गया। आमाबेड़ा के उसेली गांव की धर्मांतरित महिला राम बाई तारम का घर तोड़ दिया गया। राम बाई तारम का कहना है कि वह हिंदू धर्म वापस अपनाने को तैयार नहीं है, इसी बात को लेकर गांव वालों ने घर में तोड़फोड़ की। रामबाई का कहना है कि वह 5-6 साल से ईसाई धर्म मान रहे हैं। इसके अलावा रायपुर में बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने गुंडागर्दी की है। ब्लिंकिट के ऑफिस में घुसकर कर्मचारियों को लाठी डंडों से पीटा। एक कार्यकर्ता कर्मचारी को मारते हुए सीसीटीवी कैमरे में कैद हो गया। बताया जा रहा है कि डिलीवरी के सामान देते वक्त उस कर्मचारी की पिटाई की। रायपुर में हिंदू संगठनों के सदस्य, चैंबर ऑफ कॉमर्स के सदस्यों के साथ मिलकर बंद करवा रहे हैं। हिंदू संगठन के लोग लाठी-डंडे लेकर सड़क पर उतरे आए हैं। लोगों से जबरन अपनी दुकानें बंद करने का कह रहे हैं। जगदलपुर, अंबिकापुर, दुर्ग और बिलासपुर में भी सुबह से सभी दुकानें बंद रहीं। बंद को आरएसएस, छत्तीसगढ़ चैंबर ऑफ कॉमर्स और राज्य के कई व्यापारिक, सामाजिक और धार्मिक संगठनों का समर्थन मिला हुआ है। बाजार, दुकानें और प्राइवेट संस्थान बंद हैं, जबकि अस्पताल, मेडिकल स्टोर और इमरजेंसी सेवाएं खुली रहीं। वहीं धमतरी में भी लोगों ने शराब की दुकानें बंद कर दी। कांकेर जिले के आमाबेड़ा में हुई घटनाओं और धर्मांतरण के विरोध में बुधवार को बालोद जिले में सुबह 7 बजे से बंद रखा गया। बंद के चलते जिले के अधिकांश इलाकों में जनजीवन प्रभावित रहा। बालोद मुख्यालय सहित दल्लीराजहरा, डौंडीलोहारा, डौंडी, गुरुर, गुंडरदेही, अर्जुन्दा और पुरूर में व्यापारियों ने अपनी दुकानें पूरी तरह बंद रखीं, जिससे बाजारों में सन्नाटा पसरा रहा। बालोद शहर में बंद समर्थकों ने सड़क निर्माण कार्य और शराब दुकानों को भी बंद कराया। सिराज/ईएमएस 24दिसंबर25