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30-Dec-2025
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- विजयवर्गीय ने जानी हालत, सीएम ने लिया संज्ञान इन्दौर (ईएमएस) एक सनसनीखेज घटनाक्रम के चलते शहर में दूषित पानी सप्लाई के कारण उल्टी और पेट खराब जैसे लक्षणों का अनुभव करने के बाद 35 से अधिक लोगों को अस्पतालों में भर्ती कराया गया। इस घटना से शहर में हड़कंप मच गया, स्थानीय प्रशासन ने संज्ञान लिया और मामले की जांच शुरू की। मुख्यमंत्री, मोहन यादव ने प्रशासन को निर्देश जारी किए, और स्थानीय मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने मरीजों की स्थिति जानने के लिए अस्पतालों का दौरा किया। निवासियों ने आरोप लगाया कि क्षेत्र में एक सप्ताह के भीतर लगभग 150 लोग बीमार पड़ गए थे। हालांकि स्थानीय प्रशासन ने प्रभावित लोगों के अस्पताल के खर्चों को वहन करने की घोषणा की है। घटना बाणगंगा इलाके के भागीरथपुरा की है, जिसने पूरे शहर को झकझोर दिया है। यहां बड़ी संख्या में लोग गंभीर बीमारी की चपेट में आ गए हैं । हालात इतने बिगड़ गए कि एक के बाद एक लोग उल्टी-दस्त, बुखार और तेज कमजोरी की शिकायत लेकर अस्पताल पहुंचने लगे हैं । अभी तक 50 से ज्यादा लोग अस्पताल में भर्ती हो गए हैं। यह घटना स्थानीय निवासियों के बीच घबराहट पैदा कर रही है, क्योंकि पिछले एक सप्ताह में लगभग 150 लोगों ने इसी तरह के लक्षणों की शिकायत की है। कुछ लोग तो एडमिट होकर डिस्चार्ज भी हो चुके हैं, जिससे स्थिति की गंभीरता का पता चलता है। प्रशासन की कार्रवाई और राजनीतिक प्रतिक्रिया - मामले की गंभीरता को देखते हुए स्थानीय प्रशासन ने तुरंत कार्रवाई की और घटना की जांच शुरू कर दी है। वहीं मुख्यमंत्री ने भी इस मामले में संज्ञान लिया और प्रशासन को आवश्यक निर्देश जारी किए। इन्दौर विधानसभा क्षेत्र क्रमांक एक से विधायक और केबिनेट मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने स्वयं अस्पतालों का दौरा किया, भर्ती मरीजों का हालचाल जाना और संबंधित अधिकारियों से मामले पर चर्चा की। कैलाश विजयवर्गीय ने क्षेत्र वासियों से पानी उबालकर पीने की भी अपील की है वहीं उन्होंने इलाज का खर्चा स्वयं उठाने की बात कहते हुए अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए कि ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो। स्थानीय लोगों में आक्रोश और सरकारी सहायता - क्षेत्रीय निवासियों ने आरोप लगाया है कि यह समस्या लंबे समय से चल रही थी, लेकिन प्रशासन ने इस पर ध्यान नहीं दिया। दूषित पेयजल आपूर्ति को लेकर लोगों में भारी आक्रोश है। स्थानीय सरकार ने इस स्वास्थ्य संकट को गंभीरता से लेते हुए घोषणा की है कि प्रभावित लोगों के इलाज का सारा खर्च सरकार वहन करेगी। स्वास्थ्य विभाग की टीमें क्षेत्र में घर-घर जाकर सर्वे कर रही हैं और लोगों को साफ पानी पीने के लिए जागरूक कर रही हैं। पानी के नमूनों को जांच के लिए प्रयोगशाला में भेजा गया है ताकि संक्रमण के सटीक कारण का पता लगाया जा सके। यह घटना शहरी क्षेत्रों में स्वच्छ पेयजल आपूर्ति के बुनियादी ढांचे की कमी और नियमित निगरानी की आवश्यकता पर गंभीर सवाल खड़े करती है। प्रशासन और सरकार द्वारा की जा रही तत्काल कार्रवाई से लोगों को राहत मिली है, लेकिन दीर्घकालिक समाधान की आवश्यकता है ताकि भविष्य में ऐसी जन-स्वास्थ्य आपदाओं से बचा जा सके।