- जीरो आमदनी पर सरकार आम जनता पर थोप रही है टैक्स - हुड्डा चंडीगढ़ (ईएमएस)। प्रदेश सरकार द्वारा पेट्रोल-डीज़ल पर सेस, सब्ज़ी/फल पर फीस और बस किराए में बढ़ोत्तरी के फ़ैसले को नेता प्रतिपक्ष ने जनविरोधी बताया है। उन्होंने कहा कि सरकार के फ़ैसले पूरी तरह लोगों की उम्मीदों और विपक्ष के सुझावों के विपरीत हैं। कोरोना की मार झेल रहे ग़रीब, किसान, दुकानदार, दिहाड़ीदार, कामगार और कारोबारी समेत हर नागरिक को सरकार से राहत की उम्मीद थी। लॉकडाउन की वजह से तमाम काम-धंधे ठप पड़े हैं। अगर आगे लॉकडाउन खुलता भी है तो इस डेढ़ महीने के घाटे से उबरने में ही लोगों को कई महीने लगेंगे। नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि कल ही सर्वदलीय मीटिंग में सरकार को हमने सुझाव दिये थे कि बिजली बिल, लोन की किश्त, किराए, टैक्सों और महंगाई से फौरी राहत दिलयी जाए, चाहे इसके लिये कुछ क़र्ज़ ही क्यों न लेना पड़े। लेकिन सरकार ने जनता की और विपक्ष की उम्मीदों के उलट जनविरोधी फ़ैसले किये हैं। उन्होंने कहा कि आज अंतर्राष्ट्रीय बाज़ार में कच्चे तेल की क़ीमतें लगभग शून्य पर पहुंच चुकी हैं। सरकार को चाहिए था कि वो पेट्रोल-डीज़ल की क़ीमतों में कटौती करे। लेकिन, सरकार ने टैक्स बढ़ाकर तेल को महंगा कर दिया। इसका सबसे ज़्यादा भार आम जनता और विशेषकर किसान पर पड़ेगा। क्योंकि, लॉकडाउन में खेतीबाड़ी की गतिविधियां जारी हैं। रबी की फसल को बेचने से लेकर अगली फसल उगाने तक ट्रांसपोर्ट और सिंचाई मद में किसान का डीज़ल ख़र्च बढ़ेगा। सामान्य ट्रांसपोर्ट ख़र्च बढ़ने से बाकी सभी चीज़ें महंगी होंगी। इसी तरह फल-सब्ज़ी पर मार्केट फीस लगाकर क़ीमतों को बढ़ाने की दिशा में सरकार ने जो फ़ैसला लिया है, उसकी भी सबसे ज़्यादा मार कमजोर तबके पर ही पड़ेगी। बस किराए के बोझ से भी सबसे ज़्यादा आम आदमी ही दबेगा। पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि जनता पर महंगाई की मार मारने की बजाय सरकार को कल सर्वदलीय मीटिंग में विपक्ष की तरफ से दिए गए सुझावों पर गौर करना चाहिए। सरकार को सुनिश्चित करना चाहिए कि खेती के ख़र्च में कोई बढ़ोत्तरी ना हो। किसान को फसल बेचने और अगली फसल उगाने में कोई परेशानी नहीं होनी चाहिए। सरकार को राशन कार्ड का रंग देखे बिना, सभी ज़रूरतमंदों को राशन मुहैया करवाए। लॉकडाउन में जिनके काम धंधे बंद हैं, ऐसे कामगारों, छोटे दुकानदारों और दिहाड़दारों को बिजली बिलों, लोन और टैक्स में राहत देनी चाहिए। लघु एवं मध्यम उद्योग, होटल, ढाबे और छोटे दुकानदार आदि के बिजली बिलों के फिक्स चार्जेस में राहत दी जाए। इसी प्रकार हेयर ड्रेसर, दर्जी, रिक्शाचालक, ऑटो चालक, चाय दुकानदार, कारीगर, मिस्त्री, जूता सिलने वाले आदि रोज़ कमाने खाने वालों के लिए भी राहत प्रदान की जाए। साथ ही, मेडिकल स्टाफ़ की तरह सफाईकर्मियों और पुलिसकर्मियों समेत तमाम कोरोना योद्धाओं के लिए प्रोत्साहन राशि का ऐलान किया जाना चाहिए। नेता प्रतिपक्ष हुड्डा ने कहा कि एक ज़िम्मेदार विपक्ष होने के नाते हम सरकार को ऐसे सुझाव दे रहे हैं जो प्रदेशहित में हैं। इससे सरकार को कोई नुकसान नहीं होगा। बल्कि, आम लोगों को सरकार जो राहत देगी, वो उसे राजस्व के रूप में वापिस प्राप्त होगा। कोरोना से हम एकजुट होकर ही लड़ सकते हैं। विपक्ष लगातार सरकार का सहयोग कर रहा है तो सत्तापक्ष को भी राजनीतिक छींटाकशी से बचना चाहिए। उसे विपक्ष के सकारात्मक सुझावों पर गौर करना चाहिए। लेकिन, अगर सरकार उनको नजरअंदाज करके जनविरोधी फैसले लेगी तो विपक्ष हर हाल में उसका विरोध करेगा। राजकुमार अग्रवाल /01 मई 2020