राज्य
13-Nov-2022
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मोदी सरकार ने ही ओबीसी की सुध लेकर उसे हक देने की शुरूआत कीः डा. सुधा यादव नई दिल्ली (ईएमएस)। महात्मा फूले फाउंडेशन ने आज पिछड़ा वर्ग के विषयों पर चिंतन सम्मेलन आयोजित किया। कांस्टीट्यूशनल क्लब में आयोजित सम्मेलन में मुख्य अतिथि भाजपा के संंसदीय बोर्ड की सदस्य व पूर्व सांसद डा. सुधा यादव थी जबकि सम्मेलन की अध्यक्षता राज्यसभा सांसद रामचंद्र जांगड़ा ने की। इस दौरान पूर्व कुलपति डा. पी. पतंजलि व भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता गुरु प्रकाश पासवान ने भी विचार व्यक्त किए। सम्मेलन का संचालन पूर्व पार्षद गौरव खारी ने किया। इस मौके पर कुलदीप यादव दुष्यंत यादव ओर गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे। इस मौके पर डा. सुधा यादव ने कहा कि केंद्र की मोदी सरकार निरंतर ओबीसी को आगे बढ़ाने का कार्य कर रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने केंद्रीय विश्वविद्यालयों में ओबीसी के लोगों को कुलपति बनाने की शुरूआत की। इसके अलावा उन्होंने ओबीसी आयोग का गठन किया और वह ओबीसी को उनका हक दे रहे है। इसके अलावा भाजपा ने लोकसभा राज्यसभा विधानसभाओं व विधान परिषदों में ओबीसी की संख्या बढ़ाई है। इस कारण इन सदनों में सभी जातियों की संख्याबल में समानता आई है वहीं ओबीसी की राजनीति करने वाले दलों ने कभी ओबीसी को आगे बढ़ाने की पहल नहीं की। इन दलों ने अपनी राजनीति को आगे बढ़ाने के लिए ओबीसी का सहारा लिया है और अपने परिवार को आगे बढ़ाया है। ऐसे दल सत्ता में बाहर होने के दौरान लगातार जातिगत जनगणना की मांग करते है जबकि सत्ता में आते ही वे अपने इस मुद्दे पर चुप्पी साध लेते है। उन्होंने कहा कि ऐसे दलों पर जातिगत जनगणना कराने का दबाव बनाना चाहिए क्योंकि वह ऐसे मुद्दों पर राजनीति कर रहे है और लोगों को उनके झांसे में नहीं आना है। सम्मेलन में रामचंद्र जांगड़ा ने क्षेत्रीय पार्टियों को एक परिवार की पार्टी करार दिया। उन्होंने कहा कि ये पार्टी केवल अपने हितों के लिए कार्य करती है। उनको आम जनता से कोई सरोकार नहीं है। ऐसे दल काबिल लोगों को कोई महत्व नहीं देते है वहीं उन्होंने कहा कि केंद्र में भाजपा की सरकार बनने से पहले ओबीसी को गुमराह करने के साथ-साथ उन्हें बांटकर उनका हक खाया जा रहा था लेकिन मोदी सरकार ने ओबीसी व दलितों की बात करके सभी दलों के पैरों तले की जमीन निकाल दी है। प्रवीण/13/11/2022