नूरदागी (ईएमएस)। तुर्की और सीरिया में भूकंप से आई तबाही के बाद वहां के हालात अब तक सामान्य नहीं हो पाए हैं। भूकंप की वजह से 6000 से अधिक इमारतों धराशई हो गईं जबकि विनाशकारी भूकंप ने 7700 से ज्यादा लोगों का जीवन निगल लिया है। हर तरफ बिखरी लाशों के बीच चीख-पुकार मची हुई है। रोते-बिलखते बदहवास लोग अपनों को खोजने में लगे हुए हैं। इटली के भूकंप विज्ञानी डॉ। कार्लो डोग्लियोनी ने बताया है कि भूकंप इतना ताकतवर था कि इसके चलते तुर्की 10 फीट तक खिसक गया है। भूकंप विज्ञानी डॉ। कार्लो डोग्लियोनी ने बताया कि सीरिया की तुलना में तुर्की की टेक्टोनिक प्लेट्स 5 से 6 मीटर तक खिसक सकती है। उन्होंने आगे बताया कि असल में तुर्की कई मेन फॉल्टलाइन पर स्थित है। यह एनाटोलियन प्लेट, अरेबियन प्लेट और यूरेशियाई प्लेट से जुड़ा हुआ है। यही कारण है कि यहां भूकंप आने का खतरा सबसे अधिक रहता है। वहां के मौसम वैज्ञानिकों का कहना है कि एनाटोलियन प्लेट और अरैबियन प्लेटके बीच की 225 किलोमीटर की फॉल्टलाइन टूट गई है। वहीं दूसरी ओर डरहम यूनिवर्सिटी के स्ट्रक्चरल जियोलॉजी के प्रोफेसर डॉ। बॉब होल्डवर्थ ने कहा कि भूकंप की तीव्रता को देखते हुए टेक्टोनिक प्लेट का शिफ्ट होना तर्कससंगत कहा जा सकता है। असल में भूकंप की तीव्रता और टेक्टोनिक प्लेट्स के खिसकने के बीच सीधा संबंध है। हालांकि इसमें कुछ ऐसा नहीं है जो अटपटा लगे। अनिरुद्ध, ईएमएस, 08 फरवरी 2023