राज्य
24-Apr-2023
...


- शासन के विभिन्न विभागों के ऊपर केंद्र का शिकंजा भोपाल (ईएमएस)। केंद्र सरकार की विभिन्न योजनाओं का पैसा खजाने से निकालकर, विभाग बैंकों में एफडी करा देते हैं। ब्याज में भारी कमाई करते हैं। योजनाओं का लाभ हितग्राही तक नहीं पहुंच पाता है। इसको देखते हुए केंद्र सरकार ने अब केंद्रीय योजनाओं की राशि यदि खर्च नहीं की गई।बैंक में रखकर ब्याज कमाया गया है।ऐसी स्थिति में केंद्र ने ब्याज की राशि को केंद्र को वापस लौटाने का निर्देश राज्य सरकारों को दिया है। केंद्र सरकार की कई योजना राज्य सरकार के सहयोग से 60:40, 75:25 और 90:10 के आधार पर संचालित की जा रही हैं।मध्य प्रदेश को 35000 करोड रुपया केंद्र ने विभिन्न योजनाओं में जारी किया है। यह राशि स्कॉलरशिप,सड़क, शिक्षा विभाग, पंचायत, ग्रामीण विकास, किसान,खाद, फूड सब्सिडी, पेंशन स्कीम और अन्य योजनाओं के लिए केंद्र सरकार द्वारा राज्य सरकार को दी गई है। केंद्र सरकार ने 15 जुलाई 2022 को इस संबंध में निर्देश जारी किए थे। जिसमें साफ रूप से निर्देश दिया गया था,कि जिस स्कीम में पैसा,केंद्र द्वारा दिया गया है।यदि उसमें मिलने वाली कुल राशि का 25 फ़ीसदी बचा हुआ है।तो केंद्र आगे राशि जारी नहीं करेगा। ब्याज का पैसा यदि समय पर केंद्र को नहीं लौटाया गया, तो आगे की किस्ते रोकने की भी चेतावनी दी गई थी। मध्य प्रदेश सरकार ने विभिन्न योजनाओं की जो राशि बैंक में जमा है। उस पर जो ब्याज लिया है।ब्याज की राशि केंद्र को नहीं लौटाने पर केंद्र सरकार ने कड़ा रुख अख्तियार किया है।27 अप्रैल तक यदि यह राशि केंद्र सरकार को वापस नहीं की गई, तो केंद्र आगामी योजनाओं की राशि को रोक लेगा। केंद्र सरकार की सख्ती के बाद अब मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस ने सभी विभागों से फंड के उपयोग की जानकारी मांगी है। मध्य प्रदेश सरकार ने ब्याज का आकलन करने का निर्देश दिया है। डबल इंजन की सरकार होते हुए भी, कोई राहत मिलने की संभावना से इनकार किया जा रहा है। ऐसी स्थिति में ब्याज की राशि मध्यप्रदेश शासन को केंद्र सरकार को लौटाना होगी।