अंतर्राष्ट्रीय
24-Apr-2023
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नैरोबी(ईएमएस)। केन्या में एक पादरी के उकसावे में आकर करीब 47 लोगों ने अपनी जान दे दी। पादरी ने यीशू से ‎मिलने का झूटा ‎दिलासा ‎दिया था, बदले में ये लोग भूखे रहे और जान चली गई। जानकारी के अनुसार पुलिस ने ईसाई पंथ के अनुयायियों की मौत के ‎सिल‎सिले में जारी जांच के बीच ही देश के पूर्व में स्थित कब्रिस्‍तान से कई दर्जनों शव निकाले हैं। ये शव उन लोगों के हैं जो यह मानते थे कि अगर वे खुद को मौत के घाट उतार देंगे तो वे स्वर्ग जाएंगे। मीडिया में आई खबरों के मुताबिक अब तक निकाले गए शवों की संख्या 47 है। जिस जमीन पर ये शव मिले हैं उस पर एक पादरी का अधिकार है। पादरी को अपने अनुयायियों को आमरण अनशन करने के लिए उकसाने के मामले में गिरफ्तार कर लिया गया है। मलिंदी उप-काउंटी पुलिस प्रमुख जॉन केम्बोई ने कहा कि पादरी पॉल मैकेंजी की जमीन पर अभी और कब्रें खोदी जानी बाकी हैं। पादरी पॉल मैकेंजी को तांत्रिक गतिविधियों के सिलसिले में 14 अप्रैल को गिरफ्तार किया गया था। इस मामले में मृतकों की कुल संख्या बढ़ सकती है। पिछले हफ्ते चर्च में चार लोगों की भूख से मौत हो गई थी। इसके बाद पुलिस ने अदालत से कहा है कि उन्हें मैकेंजी को अधिक समय तक हिरासत में रखने की अनुमति दी जाए क्योंकि उनके अनुयायियों की मौत की जांच जारी है। पुलिस को पिछले हफ्ते पहला शव मिला था। इसके बाद उसने बाकी शवों की तलाश के लिए अभियान शुरू किया। शुक्रवार को किलिफी काउंटी में मालिंदी के पास शाखोला में 325 हेक्टेयर (800 एकड़) के जंगल में शवों की तलाश के लिए खुदाई शुरू हुई। केन्या के आंतरिक मंत्री किथुरे किंडिकी ने कहा था कि वह मंगलवार को साइट का दौरा करेंगे। रविवार को उन्‍होंने एक ट्वीट में अभियान के बाद मिले शवों को शकाहोला जंगल नरसंहार के रूप में बताया। इस पूरे मामले ने सभी को हैरान कर दिया है। इधर मैकेंजी ने गिरफ्तार होने के बाद जेल में ही भूख हड़ताल शुरू कर दी है। पुलिस ने कहा कि बचाए गए 15 उपासकों को खुद को भूखा मरने के लिए कहा गया था ताकि वे अपने निर्माता यानी भगवान से मिल सकें। इनमें से चार की अस्पताल पहुंचने से पहले ही मौत हो गई।