राज्य
02-Jun-2023
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- पर्यवारण को बचाने की शपथ लेकर दो दिवसीय वाय-20 परामर्श कार्यक्रम का हुआ समापन अनूपपुर (अनूपपुर)। इंदिरा गाँधी राष्ट्रीय जनजातीय विश्वविद्यालय, अमरकंटक में खेल एवं युवा मामले मंत्रालय, भारत सरकार के तत्वावधान में आयोजित दो दिवसीय अन्तर्राष्ट्रीय सम्मेलन वाय-20 सफलतापूर्वक संपन्न हुआ। सम्मेलन के समापन सत्र में मुख्य अतिथि के रूप में बोलते हुए भारत सरकार के इस्पात राज्यमंत्री फग्गन सिंह कुलस्ते ने कहा कि जलवायु परिवर्तन मानव जीवन और सभ्यता के लिए चुनौती है। इस तरह के सम्मेलन इस गंभीर संकट से निकलने का रास्ता दिखाती हैं। यह संकट मनुष्य ही नहीं वनस्पतियों और जीव-जन्तुओं के लिए भी खतरनाक है। उन्होने कहा कि पारम्परिक जीवन शैली तथा योग हमारे लिए स्वस्थ, सुरक्षित जीवन के आधार हो सकते हैं। उन्होंने कहा कि प्रकृति सम्मत जीवनशैली अपनाकर ही हम पर्यावरण को सुरक्षित रखने में सफल हो सकते हैं। हमारी ग्रामीण जीवन शैली प्रकृति से अनुकूलन का अच्छा उदाहरण है जो जीने की लालसा बढ़ाने का काम करती है। उन्होने कहा कि आपदाओं का सबसे बड़ा कारण मनुष्य है। इसे दूर करने का उपाय भी उसे खुद करना होगा। आज पूरी दुनिया भारत और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर देख रही है। सुरक्षित दुनिया और सुखी दुनिया का रास्ता भारत के नेतृत्व में तय होगा। कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए कुलपति प्रो प्रकाश मणि त्रिपाठी ने कहा कि सातत्य जीवन में अत्यंत महत्वपूर्ण है। यह आवश्यक है कि परिवर्तन ऐसा हो जिससे वह संकट का रूप नहीं ले। सम्मेलन के निष्कर्ष दुनिया को रास्ता दिखाने का कार्य करेंगे, ऐसा मेरा विश्वास है। उन्होने कहा कि परम्परा, प्रौद्योगिकी तथा प्रतिभा का त्रिसूत्र पर्यावरण संरक्षण तथा सतत विकास के लिए महत्वपूर्ण है। हमारी संस्कृति सहजीविता में विश्वास करती है जो सतत विकास की उपयुक्त दृष्टि है। उन्होने कहा कि परंपरागत विशिष्टताओं एवं तकनीकी का सुंदर समन्वय सुरक्षित भविष्य के लिए आवश्यक है। 1 से 2 जून तक जलवायु, लोग और ग्रह, जलवायु परिवर्तन और प्राकृतिक आपदाओं को कम करना, हरित ऊर्जा और सतत प्रौद्योगिकियां और सतत भविष्य के लिए भारतीय ज्ञान प्रणाली के उप-विषयों पर चार पैनल चर्चाएँ आयोजित की गईं। सात अंतरराष्ट्रीय देशों के 19 विदेशी प्रतिनिधियों ने इंदिरा गाँधी राष्ट्रीय जनजातीय विश्वविद्यालय, अमरकंटक में दो दिवसीय वाय-20 परामर्श में भाग लिया। वाय-20 परामर्श में 400 से अधिक प्रतिनिधियों ने भाग लिया। सम्मेलन के निष्कर्षों को कार्यक्रम संयोजक प्रो भूमिनाथ त्रिपाठी द्वारा प्रस्तुत किया गया। इससे पूर्व भारत द्वारा जी 20 देशों के समूह की अध्यक्षता के तहत वाई 20 के अंतर्गत जलवायु परिवर्तन और आपदा जोखिम की न्यूनता को जीवन का आधार बनाना विषय पर खेल एवं युवा मामले मंत्रालय के सहयोग से आयोजित दो दिवसीय अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन का उद्घाटन गुरुवार को विश्वविद्यालय के कुलपति एवं केन्द्रीय राज्यमंत्री पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन अश्विनी चौबे के कर कमलों द्वारा हुआ। इस अवसर पर मंत्री श्री चौबे ने पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन पर अपना व्याख्यान दिया। सम्मेलन के दौरान विभिन्न पुस्तकों और पारिभाषिक शब्दावली का विमोचन भी हुआ। सम्मेलन में संकलित शोध पत्रों को स्प्रिंजर द्वारा प्रकाशित अन्तर्राष्ट्रीय शोध पत्रिका में प्रकाशित किया जाएगा।