लेख
07-Jun-2023
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अक्सर कहा जाता है कि जिंदगी में एक दोस्त जरूर होना चाहिए जिससे आप अपनी मन की बात कह सकें। क्योंकि ऐसी बहुत सी बातें होती हैं जिन्हें हम अपने परिवार के साथ नहीं साझा कर पाते हैं। हमारे दोस्त हमें बिना जज किए हमारी बात सुनते हैं, समझते हैं और हमारा साथ देते हैं। ऐसी जगह हमारे साथ खड़े रहते हैं जब हमें किसी के साथ की जरूरत होती है। ऐसे में उन्हीं दोस्तों के नाम पर नेशनल बेस्ट फ्रेंड डे मनाया जाता है। हर साल ८ जून को बेस्ट फ्रेंड डे मनाया जाता है। इस दिन लोग अपने बेस्ट फ्रेंड को बेस्ट फ्रेंड डे की बधाई और शुभकामनाएं संदेश देते हैं। सबसे अच्छे दोस्त, चाहे वे निकट हों या दूर, पुराने हों या नए, हमें जीवन में आगे बढ़ने में मदद करते हैं। वे हमारी खुशियां बांटते हैं, हमारे दुखों में हमारी मदद करते हैं, और हमारे जीवन में अच्छे और बुरे दोनों समय में मौजूद रहते हैं। दोस्‍त हर वक्‍त, हर समय आपके साथ होता है, लेकिन फिर भी इस दोस्‍ती के जश्‍न को मनाने के लिए भी तो कोई खास मौका होना चाहिए न। तो आज का दिन वही खास मौका है। 8 जून को संयुक्त राज्य और कनाडा में राष्ट्रीय सर्वश्रेष्ठ मित्र दिवस के रूप में नामित किया गया है। यह दिन उन लोगों के साथ कुछ समय बिताने का एक शानदार अवसर है, जो हमारे गिरने पर हमें पकड़ने के लिए हमेशा मौजूद रहते हैं। १९३५ में अमेरिकी कांग्रेस ने 8 जून को राष्ट्रीय सर्वश्रेष्ठ मित्र दिवस के मान्‍यता दी। इस बीच, अगस्त के पहले रविवार को राष्ट्रीय मित्रता दिवस नामित किया गया था। हालांकि पहले इसे इतनी लोकप्रियता नहीं मिली हुई थी, लेकिन सोशल मीडिया को इसके लिए धन्यवाद कि उसे इस दिन को भी लोकप्रिय बना दिया। नेशनल बेस्ट फ्रेंड्स डे दोस्ती के बंधन को मनाता है, जो लोगों को जोड़ता है। ८ जून विशेष रूप से एक व्यक्ति और उनके करीबी दोस्त या दोस्तों के समूह के बीच संबंधों का जश्न मनाने के लिए मनाया जाता है। कुछ व्यक्तियों के लिए, उनके सबसे करीबी दोस्त उनके साथी या जीवनसाथी, उनके भाई-बहन, उनके माता-पिता या उनके पालतू जानवर भी हो सकते हैं। चाहे वह कोई भी हो, ८ जून एक साथ अनुभव किए गए पलों को संजोने और बंधन के लिए आभारी होने के लिए है। आईना और परछाई के जैसे मित्र रखो क्योंकि आईना कभी झूठ नहीं बोलता और परछाई कभी साथ नहीं छोड़ती दोस्ती तो जिंदगी का एक खूबसूरत लम्हा है, जिसका अंदाज सब रिश्ते से अलबेला है, जिसे मिल जाए वह तन्हाई में भी खुशी है, और जिसे ना मिले तो वो भीड़ में भी अकेला है!! क्यों मुश्किलों में साथ देते हैं दोस्त, क्यों गम को बांट लेते हैं दोस्त, न रिश्ते खून से न रिवाज से बंधा, फिर भी जिंदगी भर साथ देते हैं दोस्त… ए सुदामा मुझे भी सिखा दें कोई हुनर तेरे जैसा मुझे भी मिल जाएगा फिर कोई दोस्त कृष्ण जैसा। दोस्तों की दोस्ती में कभी कोई रुल नहीं होता है, और ये सिखाने के लिए कोई स्कूल नहीं होता है।। कभी झगड़ा तो कभी मस्ती, कभी आंसू तो कभी हंसी, छोटा सा पल और छोटी छोटी खुशी, एक प्यार की कश्ती और ढेर सारी मस्ती बस इसी का ही तो नाम दोस्ती!! हम जब भी आपकी दुनिया से जायेंगे, इतनी खुशियां और अपनापन दे जाएंगे, कि जब भी याद करोगे इस पागल दोस्त को, हंसती आंखों से आंसू निकल आएंगे। सौ दोस्त बनाना कोई चमत्कार नहीं है, चमत्कार एक ऐसा दोस्त बनाना है, जो सैकड़ों के खिलाफ आपके साथ खड़ा हो। दोस्ती हर चेहरे की मीठी मुस्कान होती है दोस्ती की सुख-दुख की पहचान होती है रूठ भी गए तो हम तो दिल पर मत लेना क्योंकि दोस्ती जरा सी नादान होती है..!! दिए तो आंधी में भी जला करते हैं, गुलाब तो कांटों में भी खिला करते हैं, खुशनसीब बहुत होती है वो शाम, दोस्त आप जैसे जब मिला करते मेरे प्रिय अजीज दोस्तों को मेरा प्रेम भरा उपहार स्वीकारें चिरमित्रों के साथ भी, शिथिल न जिसका प्रेम। ऐसे मानवरत्न को, अरि भी करते प्रेम। जो व्यक्ति पुराने मित्रों के प्रति भी अपने प्रेम में अंतर् नहीं आने देते उन्हें शत्रु भी स्नेह की दृष्टि से देखते हैं। मेरे जीवन में मित्रों का बहुत स्नेह रहा जो आज भी बरक़रार हैं जिनमे डॉक्टर रामकृष्ण सक्सेना (६२ वर्ष पुरानी दोस्ती )श्री दिलीप कापदेव (४७ वर्ष ) डॉक्टर श्याम मनोहर सिरोठिया(५५ वर्ष ),डॉक्टर सी एल गोस्वामी (५४)डॉक्टर दीपक जैन (५४),डॉक्टर नेमचंद जैन(५४), श्री हरिशंकर शर्मा, (४७ वर्ष )डॉक्टर अमरेश और श्रीमती उर्मिला चतुर्वेदी (४० वर्ष, श्री पी .एन .अग्रवाल(४० वर्ष ) श्रीकृष्ण पांडेय(४० वर्ष ), डॉक्टर हरगोविंद चौरसिया (४० वर्ष ), श्री संतोष लहरी, श्री के .के .चौरसिया, श्री दिनेश सोनी (३५ वर्ष ), डॉक्टर जी .एस .बदेशा( ३२ वर्ष )डॉक्टर सुरेंद्र प्रधान (२८ ) कुछ शत्रुवत मित्र डॉक्टर एस .एस .पराशर एवं डॉक्टर बी एम् बोहरे जिन्होंने मुझे अपना बचाव करने के योग्य बनाया। इसके अलावा शशिकांत अन्वेकर, जगदीश सिंह, विजय सिंह जैसे सेवक मित्र रहे जिन्होंने सच्चे मित्रवत मित्रता निभायी। मेरे जीवन में अनेकों मित्रों का भरपूर सहयोग रहा जिनका नाम उल्लेख कर पाना कठिन हैं पर मेरे सेवाकाल में रीवा, सतना,जबलपुर, ग्वालियर, सागर, उज्जैन, श्योपुर आदि जिलों में कार्यरत साथियों उनको भूल पाना मुश्किल हैं साथ ही प्रत्यक्ष अप्रत्यक्ष में भूल हुई थी उनसे क्षमा भाव हैं। डॉक्टर दीपक मेरे भाई कम दोस्त अधिक थे और वे मेरे लिए भामाशाह रहे उनको मेरे द्वारा भूल जाना असंभव हैं और वर्तमान में मेरे अभिन्न मित्र /सखा श्री नितिन जैन जो अनवरत मेरे प्रति संवेदना रखते और प्रेरक के रूप में कार्य करते हैं। सभी को शुभकामनाएं .../ 7 जून 2023