लेख
09-Jun-2023
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वर्ष के अंतराल में देश के जिन चार राज्यों में विधानसभा चुनाव होने जा रहे है, राजस्थान, मध्यप्रदेश एवं छत्तीसगढ़ प्रमुख राज्य है, जिनपर पूरे देश की नजर टिकी हुई है। जहां प्रारम्भ में इन तीनों राज्यों में कांग्रेस की सरकार रही पर कांग्रेस नेता ज्योतिरा सिंधिंया की नराजगी के चलते मध्यप्रदेश की सत्ता भाजपा के पास चली गई। वर्तमान में राजस्थान एवं छत्तीसगढ़ राज्य में कांग्रेस की सरकार है। राजस्थान का राजनीतिक परिदृश्य सभी के सामने है जहां की सरकार अपने ही लोगों के चलते संकट में घिरी नजर आ रही है। जिसे वहां की प्रमुख विपक्षी राजनीतिक दल ने हवा देकर मध्यप्रदेश की तरह सत्ता अपने हाथ में लेने की पूरी कोशिश की, पर राजनीतिक के तेज खिलाड़ी वर्तमान नेतृत्व के आगे विपक्ष की हर चाल इस दिशा में असफल रही। आज भी संकट बरकरार है जिसे कांग्रेस हाई कमान आगामी चुनाव को देखते हुये ऐनकेनप्रकारेण समाधान करने में सक्रिय नजर आ रहा है। कर्नाटक चुनाव में कांग्रेस की जीत ने कांग्रेस हाईकमान की सोच बदल दी है। कांग्रेस हाई कमान पंजाब एवं मध्यप्रदेश की तरह पूर्व में हुई कार्यवाही जिसके चलते दोनों राज्य कांग्रेस के हाथ से निकल गये, फिर से दोहराना नहीं चाहता। आगामी चुनाव में कांग्रेस हाई कमान इन तीनों राज्यों में कांग्रेस की सरकार बनाने की हर दिशा में सजग एवं सतर्क कार्यवाही करता नजर आ रहा है। जब कि इन तीनों राज्यों की सत्ता पर केन्द्र की सत्ताधारी भाजपा की भी पैनी नजर है। जिसके लिये वह हर संभव प्रयास कर रही है। इस दिशा में भाजपा ने केन्द्रीय स्तर पर अपनी कमर कस ली है। वह नरेन्द्र मोदी को आगे कर इन तीनों राज्यों की सत्ता पर कब्जा करने की रणनीति बना रही है पर नरेन्द्र मोदी के नाम से उसे इस दिशा में सफलता मिल पायेगी, ऐसा संभव नहीं लगता। जब कि कांग्रेस अपने वर्तमान नेतृत्व की सक्रियता एवं राजकौशल के बलबूते पर सत्ता में फिर से वापसी की उम्मीद कर रही है। इस तरह के हालात पर एक नजर डालें जहां तीनों राज्यों में सत्ता परिवर्तन की स्थिति पूर्व में आजतक देखी जाती रही है पर वर्तमान में वहां सत्ताधारी अपने पक्ष में आम जन को संतुष्ट कर अधिक से अधिक जनमत जुटाकर फिर से सत्ता में आने की हर कोशिश कर रहे है। इस दिशा में राजस्थान राज्य के राजनीतिक परिदृश्य पर एक नजर डाले जहां की सत्ताधारी कांग्रेस सरकार ने आम जन को चुनाव पूर्व हर तरह से संतुष्ट करने का प्रयास किया है। इस दिशा में बजट में आमजन को दी गई राहत पेंशन में वृद्धि, मुख्यमंत्री चिरंजीवी योजना में 25 लाख तक मेडीक्लेम, 100 यूनिट फ्री बिजली, किसानों को 2000यूनिट फ्री बिजली, रू.500 में गैस सिंलेंडर आदि को राहत महंगाई कैम्प के माघ्यम से आम जन तक पहुंचाने की कोशिश जारी है। कर्मचारियों को जिसकी नराजगी के चलते पूर्व में सत्ताधारी कांग्रेस को बूरी तरह से हार का सामना करना पड़ा था, जिसे विधानसभा में मात्र 21 सीट हासिल हुई थी, उसे 25 वर्ष की सेवा पूरी होने पर पूरी पेंशन देने, स्पेशल पे में वृद्धि, हेल्पर पद नाम में परिवर्तन आदि से संतुष्ट करने का हर संभव प्रयास जारी है। वर्तमान सरकार प्रभारी मंत्रियों एवं अधिकारियों से बजट की घोषणाओं पर अमल किये जाने का फीड बैक लेकर आमजन को हर तरह से संतुष्ट कर अपने पक्ष में लाने का हर संभव प्रयास कर रही है, इसी तरह के प्रयास अन्य सत्ताधारी दलों का अपने अपने राज्यों में जारी है। विपक्ष की भी आक्रोश रैली के माध्यम से सरकार को आरोपों के घेरे में लेकर जनमानस को सत्ता के खिलाफ करने की हर कोशिश जारी है। इस राजनीतिक युद्ध में सत्ता बरकरार रहती है या बदलती है, चुनाव उपरान्त ही पता चलेगा पर प्रयास सत्ता विपक्ष दोनों का जारी है। इन राज्यों में मुख्य मुकाबला कांग्रेस एवं भाजपा के बीच हीं होगा, अन्य दल टिमटिमाते तारे की तरह ओझल हो जायेंगे। (स्वतंत्र पत्रकार) .../ 9 जून 2023