-एक ओर केंद्र सरकार कर रही संरक्षण का दावा, वहीं उड़ा रहीं आदेश की धज्जियां नई दिल्ली,(ईएमएस)। राजस्थान के पूर्व सीएम अशोक गहलोत ने अरावली क्षेत्र को लेकर सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के बावजूद राज्य सरकार द्वारा नए खनन पट्टे जारी करने की प्रक्रिया पर गहरा आक्रोश जताया है। उन्होंने कहा कि एक ओर तो केंद्र सरकार अरावली संरक्षण का दावा कर रही है वहीं दूसरी ओर राजस्थान की बीजेपी सरकार सुप्रीम कोर्ट के आदेशों की धज्जियां उड़ा रही है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक गहलोत ने कहा कि केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव दावा कर रहे हैं कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के मुताबिक जब तक मैनेजमेंट प्लान फॉर सस्टेनेबल माइनिंग (एमपीएसएम) तैयार नहीं हो जाता तब तक अरावली की 100 मीटर से ऊंची या नीची, किसी भी पहाड़ी पर नया खनन पट्टा नहीं दिया जाएगा, लेकिन राजस्थान सरकार ने 14 नवंबर 2025 को नए खनन पट्टे जारी करने की प्रक्रिया शुरू की जिसमें 50 पट्टे अरावली रेंज वाले नौ जिलों जयपुर, अलवर, झुंझुनूं, राजसमंद, उदयपुर, अजमेर, सीकर, पाली और ब्यावर के हैं। उन्होंने कहा कि 20 नवंबर को आए सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बावजूद अरावली रेंज में आने वाले 50 खनन पट्टों की नीलामी प्रक्रिया को नहीं रोका गया बल्कि 30 नवंबर 2025 को आदेश निकालकर प्रमाणित किया गया कि अरावली रेंज में आने के बावजूद ये 50 पट्टे अरावली का हिस्सा नहीं हैं। गहलोत ने सवाल उठाया कि जब उच्चतम न्यायालय ने स्पष्ट रूप से एमपीएसएम के बिना नए पट्टों पर रोक लगाई है तो राजस्थान सरकार किस आधार पर नीलामी जारी रख रही है? सरकार ने उच्च न्यायालय में यह तर्क देकर दिसंबर में इन पट्टों की नीलामी कर दी की है कि ये पहाड़ 100 मीटर से नीचे हैं, इसलिए अरावली में नहीं आते जबकि उच्चतम न्यायालय का एमपीएसएम का फैसला 100 मीटर से ऊपर व नीचे दोनों की पहाड़ियों पर लागू होगा। उन्होंने कहा कि यह न केवल उच्चतम न्यायालय के फैसले की मंशा के खिलाफ है, बल्कि अरावली के अस्तित्व को मिटाने की एक साजिश भी है। पूर्व सीएम गहलोत के मुताबिक यह एक उदाहरण है कि आने वाले दिनों में उच्चतम न्यायालय के फैसले की आड़ में कैसे तकनीकी रास्ते निकालकर पूरे अरावली में खनन की कोशिश की जाएगी। उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि सीएम भजनलाल शर्मा दो दिन से अरावली बचाने के भाषण दे रहे हैं लेकिन उनके गृह जिले के भरतपुर के पड़ोसी डीग में साधु-संत अवैध खनन के खिलाफ धरने पर बैठे हैं। उनके अपने क्षेत्र में अरावली सुरक्षित नहीं है और वे दूसरी जगह जाकर प्रवचन दे रहे हैं। सिराज/ईएमएस 25दिसंबर25