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09-Jun-2023
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बेटे का शव बिहार के लोगों को सौंपा, पिता परेशान भुवनेश्वर (ईएमएस)। ओडिशा में हुए तीन ट्रेन हादसे के छह दिन बाद भी कुछ परिवारों को अभी तक अपने प्रियजनों के शव नहीं मिले हैं। 2 जून की शाम को हुए भीषण ट्रेन हादसे में कम से कम 288 यात्रियों की मौत हुई है, जिसमें से 82 शवों की पहचान नहीं हो सकी है। अधिकारी ने बताया कि अन्य शवों को संबंधित दस्तावेजों के सत्यापन के बाद मृतकों के परिवारों को सौंप दिया गया है। इस बीच, पश्चिम बंगाल, झारखंड और बिहार जैसे राज्यों के बहुत सारे लोग एम्स भुवनेश्वर में अपने परिवार के सदस्यों के पार्थिव शरीर का इंतजार कर रहे हैं। जहां कुछ शवों पर दावा करने वाला कोई नहीं है, वहीं कई परिवार एक शव पर दावा करते हैं। शवों की हालत काफी खराब होने के कारण परिजनों को शिनाख्त में भी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। अब दावेदार डीएनए टेस्ट रिपोर्ट का इंतजार कर रहे हैं, जो अगले दो से तीन दिनों में आ जाएगी। मृतकों और दावेदारों के डीएनए सैंपल को क्रॉस वेरिफिकेशन के लिए एम्स नई दिल्ली भेजा गया है। अधिकारी ने कहा कि एक बार रिपोर्ट आने के बाद शवों को वास्तविक दावेदारों को सौंप दिया जाएगा। इस बीच पश्चिम बंगाल के शख्स ने आरोप लगाया कि उसके 22 साल के बेटे का शव बिहार के लोगों को सौंप दिया गया है। कूचबिहार जिले के सिबकांत रॉय सदमे में हैं, क्योंकि उनके बेटे बिपुल रॉय का शव बिहार के एक अन्य परिवार द्वारा ले जाया गया। रॉय ने कहा कि जब मुझे कोरोमंडल एक्सप्रेस की चौंकाने वाली ट्रेन दुर्घटना के बारे में पता चला, तब मैं अरुणाचल प्रदेश में था। मेरा बेटा भी इसी एक्सप्रेस ट्रेन में यात्रा कर रहा था। मैं गाड़ी की व्यवस्था कर बालासोर पहुंचा। इधर-उधर खोजने पर पिता को मृतक की तस्वीरों के बीच एक दीवार पर बिपुल की तस्वीर लगी मिली। बेटे की मौत से स्तब्ध सिबकांत ने जब अपने बेटे का शव मांगा, तब पता चला कि बिहार का कोई व्यक्ति ले गया है। उन्होंने कहा कि एम्स भुवनेश्वर पहुंचने के बाद मुझे पता चला कि मेरे बेटे का शव कोई और ले गया है। अधिकारियों ने कहा कि मृत व्यक्ति की उम्र पर बिहार परिवार को शव सौंपते समय उन्हें उनके दावे पर संदेह था। भुवनेश्वर नगर निगम के आयुक्त विजय अमृता कुलंगे ने कहा कि शेष 82 शवों की शिनाख्त की जा रही है। आशीष/ईएमएस 09 जून 2023