02-Aug-2023


भोपाल (ईएमएस)। मध्यप्रदेश में इन दिनों नकली दवाइयों और नकली कीटनाशकों का बिक्री बड़े पैमाने पर हो रही है। जिसके कारण किसानों को सबसे ज्यादा आर्थिक नुकसान उठाना पड़ रहा है। नकली खाद बीज और नकली कीटनाशक से किसान बुरी तरह परेशान है।उनका पैसा भी जा रहा है,फसल भी खराब हो रही है। 70 फ़ीसदी दवाएं बेअसर साबित हो रही हैं। जिसके कारण किसानों की आर्थिक स्थिति पहले से ही दयनीय है। नकली दवाओं और नकली कीटनाशक के कारण आर्थिक स्थिति और भी खराब होती जा रही है। भोपाल और सीहोर जिले के किसानों से जो शिकायत मिल रही है। उसके अनुसार खरपतवार के साथ सोयाबीन की फसल भी चौपट हो गई है।3000 एकड़ में खड़ी फसल बर्बाद हो गई है। जैविक नाम से नकली दवा ने किसानों को बर्बाद करके रख दिया है। दवा कंपनी पर मेहरबानी दवा कंपनी नकली दवाई डीलरों के माध्यम से किसानों को बेच रही हैं। कृषि अधिकारी और पुलिस नकली कीटनाशक और दवाइयां बेचने वालों के ऊपर कारवाई करके इतिश्री कर लेती है। जबकि नकली दवा बनाने वाले के ऊपर कार्रवाई होनी चाहिए। ऐसा नहीं हो रहा है। जिसके कारण किसान कर्जदार होते चले जा रहे हैं। दवा कंपनियों की लूट जारी है। दवा निर्माता की जगह दवा विक्रेता पर कार्यवाही दिल्ली की इचिबान क्रॉप साइंस की बोनसाई से लेकर तमाम अमानक दवाओं को लेकर भारतीय किसान संघ ने एक गाइडलाइन जारी की है। पिछले वर्ष भी किसानों को बायो नाम से दवाइयां बेची जा रही थी। जो अमानक पाई गई। अधिकारियों ने निर्माता दवा कंपनी पर कोई कार्यवाही ना कर विक्रेता का लाइसेंस जरूर निरस्त कर दिया। मध्यप्रदेश, नकली दवा और नकली कीटनाशक बेचने का बहुत बड़ा बाजार बन गया है। मध्य प्रदेश सरकार की लापरवाही से यह धंधा बड़ी तेजी के साथ मध्यप्रदेश में फल फूल रहा है।हर साल इसकी शिकायत होती है। लेकिन कार्रवाई के नाम पर ढाक के तीन पात चलकर सरकार पुनः सो जाती है।जिसके कारण किसानों को भारी नुकसान हो रहा है। एसजे/02/08/2023