लेख
30-Nov-2023
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कहते हैं होनी बलवान होती है होनी क़ो टाला नहीं जा सकता होनी होकर ही रहती हैl होनी क़ो झुठलाया नहीं जा सकता नियति किसी क़ो नहीं छोड़तीlउत्तरकाशी में मजदूरों के साथ जो घटना घटित हुई बहुत ही रोंगटे खड़े कर देने वाली हैl पल भर में अलसुब्ह सुरंग ढहने से सुरंग में ही बंधक बन गए गनीमत रही की मलवा उनके ऊपर नहीं गिरा तब वहीं दफन हो जातेl मारने वाले से बचाने वाला बड़ा होता हैl 17 दिन तक मौत से लड़ना बहुत ही बड़ा जोखिमपूर्ण कार्य थाl मजदूरों की किस्मत अच्छी थी की किसी क़ो खरोंच तक नहीं आईl 17 दिन और 17 रातें एक युग जैसी हो गई आंसुओं का सैलाब दिन रात निर्बाध रूप से चलता रहा होगा काली रातें कैसे बीती होंगी एक एक मिनट कैसे बिताया होगाl हजारों बार मनोबल टुटा होगा क्यूंकि उम्मीद की कोई किरण नजर नहीं आ रही थी तमाम कोशिशे नाकाम हो रही थीl मशीने बार बार टूट रही थी अवरोध आ रहे थेl मौत क़ो करीब से देखने वाले मजदूर यह मंज़र ताउम्र याद रखेंगेl अँधेरी सुरंग में मजदूरों ने जो नारकीय जीवन गुजारा कभी नहीं भूल पाएंगेlएक एक पल पता नहीं कैसे बीता होगा यह उनका दिल जानता होगाl दिन रात दुआएं की होंगी की जीवन बच जायेlमौत से कड़ा संघर्ष किया और जीवन बचा लियाl 17 दिन जो कष्टकारी यातना मजदूरों ने झेली मजदूरों का दिल ही जानता होगा मजदूरों ने सपने में भी नहीं सोचा होगा की यह सुरंग उनके लिए अभिशाप बन जाएगीl रैट माइनर्स फ़रिश्ते बन गए और मजदूरों क़ो जीवन दान मिल गयाl दुआओं में बहुत शक्ति होती है सच्चे व निश्छल मन से की गई दुआएं पूरी हो जाती हैंl कितना भयानक व खौफनाक मंज़र था जब मजदूर सुरंग में कैद हुए होंगेl हौसला रखा और जिंदगी की जंग जीत गएl हौसला हारा होता तो जिंदगी की जंग हार जातेl करुण क्रदन मचा होगा बदहवास मजदूरों क़ो मौत साक्षात नजर आई होगी लेकिन हौसला अडिग रहा और मजदूरों ने मौत क़ो मात दे दीl यह दिल दहला देने वाला मंज़र दीपावली क़े दिन हुआ जब लोग खुशियाँ मना रहे थे और मजदूर मौत क़े पंजे में फंसे थेl कुछ क्षणो में यह सब हो गया बेचारे मजदूरों क़ो संभलने का मौका तक नहीं मिलाl मजदूर इस मंज़र क़ो ताउम्र नहीं भूल सकतेl विपरीत परिस्थितियों में मनोबल ऊँचा रखना पड़ता है सकारात्मक सोच रखनी पड़ती हैl मजदूरों क़े जज्बे क़ो सलाम जिन्होंने हिम्मत नहीं हारी और मौत क़े जबडे से निकल गएl जीवन बहुत ही दुर्लभ होता हैl करोड़ों लोगों की दुआओं से मजदूरों क़ो नवजीवन मिल गयाl मजदूरों ने साहस रखा अगर घबरा जाते तो मौत अपने क्रूर पंजो से ग्रास बना देती लेकिन मौत मजदूरों का बाल भी बांका नहीं कर सकीl मजदूरों क़े सामने मौत क़ो झुकना पड़ा और मजदूर जीत गएl रैट माइनर्स नहीं होते तो पता नहीं कब तक जीवन व मृत्यु क़े बीच झूलते रहतेl रैट माइनर्स क़े फरिश्तों क़ो सलाम जिन्होने अपना जीवन जोखिम में डालकर 41 मजदूरों क़ो जीवनदान दिया एक बार पुनः नमनl ईश्वर इन इंसानी फरिश्तों क़ो सदा सलामत रखेl ईएमएस / 30 नवम्बर 23