राष्ट्रीय
25-Apr-2024
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नई दिल्ली,(ईएमएस)। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) गगनयान मिशन के लिए मानव अंतरिक्ष उड़ान की तैयारी कर रहा है। वहीं, पहला इंटीग्रेटेड एयर ड्रॉप टेस्ट 30 अप्रैल तक होने की संभावना है। हालांकि इस संबंध में अभी तक अधिकारिक बयान जारी नहीं किया गया है। गगनयान मिशन में पहले इंटीग्रेटेड एयर ड्रॉप परीक्षण के लिए क्रू मॉड्यूल को भारतीय वायुसेना के हेलीकॉप्टर से जमीनी स्तर से 4-5 किमी की ऊंचाई से गिराया जाएगा। यह परीक्षण क्रू मॉड्यूल की सुरक्षित लैंडिंग और क्रू मॉड्यूल की रिकवरी की पुष्टि करेंगे। एल्यूमीनियम और स्टील जैसी मजबूत सामग्रियों से बना क्रू कैप्सूल को चिनूक हेलीकॉप्टर पर लटकाया जाएगा। उसके बाद इसे तय ऊंचाई पर पहुंच कर समुद्र के ऊपर छोड़ दिया जाएगा। इसरो के अधिकारियों द्वारा यह कहा गया कि ये परीक्षण क्रू मॉड्यूल की सुरक्षित रिकवरी की पुष्टि करेंगे, जहां अंतरिक्ष यात्रियों को रखा जाएगा और पृथ्वी पर लौटने पर अंतरिक्ष यात्रियों के लिए सुरक्षित लैंडिंग सुनिश्चित करेंगे। ड्रॉप के दौरान पहले स्टेबलाइजर पैराशूट अलग हो जाएगा और उसके बाद मॉड्यूल का शीर्ष कवर अलग हो जाएगा। फिर ड्रग च्यूट को प्राथमिक शूट के बाद तैनात किया जाएगा, जो क्रू मॉड्यूल को नियंत्रित टचडाउन बनाने में मदद करेगा। यह परीक्षण गगनयान मिशन की पहली मानव रहित कक्षीय उड़ान से पहले अंतिम प्रमुख तैयारी चरणों में से एक है। तीन दिवसीय गगनयान मिशन के हिस्से के रूप में 2024-2025 में उड़ान भरने की उम्मीद है। तीन नामित अंतरिक्ष यात्री को 400 किमी के लिए पृथ्वी की कक्षा में लॉन्च किया जाएगा और फिर इसे सुरक्षित रूप से पृथ्वी पर वापस लाया जाएगा। सिराज/ ईएमएस 25अप्रैल24