अंतर्राष्ट्रीय
27-Apr-2024
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इस्लामाबाद (ईएमएस)। चीन ने पाकिस्तानी नौसेना के लिए बनाई जाने वाली पहली हंगोर क्लास पनडुब्बी को लांच किया है। इस लॉन्चिंग कार्यक्रम का आयोजन चीन के वुचांग शिपबिल्डिंग इंडस्ट्री ग्रुप (डब्ल्यूएसआईजी) के शुआंगलियू बेस पर हुआ। कार्यक्रम में पाकिस्तानी नौसेना प्रमुख एडमिरल नवीद अशरफ ने भाग लिया। यह डेवलपमेंट पाकिस्तान और चीन के बीच हुए एक समझौते के तहत हुआ है, जिसमें बीजिंग ने इस्लामाबाद को आठ अत्याधुनिक उन्नत पनडुब्बियां प्रदान करने पर सहमति व्यक्त की है।कुल आठ पनडुब्बियों में से चार का निर्माण चीन के द्वारा किया जाना है, जबकि शेष चार का निर्माण प्रौद्योगिकी हस्तांतरण (टीओटी) समझौते के तहत पाकिस्तान में कराची शिपयॉर्ड एंड इंजीनियरिंग वर्क्स में हो रहा है। उन्नत स्टील्थ विशेषताओं वाली पनडुब्बियों को कई तरह के खतरे वाले वातावरण में संचालित करने के लिए अत्याधुनिक हथियारों और सेंसरों से सुसज्जित किया जाना है और लंबी दूरी पर लक्ष्य पर हमला किया जा सकता है। इस मौके पर कार्यक्रम सीएनएस अशरफ ने मौजूदा भू-रणनीतिक वातावरण के तहत समुद्री सुरक्षा के महत्व और क्षेत्रीय शांति और स्थिरता सुनिश्चित करने के नौसेना के संकल्प पर जोर दिया। नौसेना प्रमुख ने जोर दिया कि हंगोर-क्लास एस/एम परियोजना पाक-चीन मित्रता में एक नया आयाम जोड़ेगी और दोनों देशों के बीच मजबूत सैन्य सहयोग को प्रदर्शित करेगी। पाकिस्तान के चीन के साथ घनिष्ठ सैन्य संबंध हैं, और उनके द्विपक्षीय संबंधों में इस्लामाबाद द्वारा बीजिंग से विभिन्न हथियारों के आयात का प्रावधान है। पिछले साल, पीएन ने दो नवनिर्मित चीनी टाइप 054 ए/पी फ्रिगेट को शामिल किया था। दोनों देशों ने 2018 में चार बहुउद्देश्यीय युद्धपोतों के लिए अनुबंध पर हस्ताक्षर किए थे। पहला और दूसरा जहाज पीएनएस तुगरिल और पीएनएस तैमूर 2022 में पीएन बेड़े में शामिल हुए। चीन के द्वारा तैयार हंगोर क्‍लास पनडुब्बी कई तरह के मिशन को अंजाम दे सकती है। इसमें कई तरह के अत्‍याधुनिक हथियार और सेंसर लगे हैं, जो विभिन्‍न खतरों का सामना कर सकते है। हंगोर क्‍लास सबमरीन चीन की टाइप 039ए/041 युआन क्‍लास का ही एक्सपोर्ट वेरिएंट है। पहली चार पनडुब्बियां 2023 तक वितरित की जानी थीं, और अंतिम चार (केएसईडब्ल्यू से) 2028 तक आनी थीं। पाकिस्‍तान ने सबमरीन के बारे में ज्‍यादातर जानकारी को सीक्रेट रखा है। बताया जा रहा है कि यह पनडुब्‍बी 76 मीटर लंबी होगी। हालांकि हंगोर क्लास की डिजाइन विशेषताओं के बारे में कोई जानकारी कभी सामने नहीं आई, लेकिन ऐसा माना जाता है कि पनडुब्बी का डिजाइन संभवतः एस 26 पर आधारित है, जो सीएसओसी द्वारा विकसित एक एक्सपोर्ट वेरिएंट डिजाइन है जो टाइप 039ए/041 पनडुब्बी पर आधारित है। एस26 को 2013 में चीन शिपबिल्डिंग ट्रेडिंग कॉरपोरेशन (सीएसएससी) द्वारा अनावरण किए गए एस20 डीजल-इलेक्ट्रिक पनडुब्बी डिजाइन का एआईपी तकनीक से लैस वेरिएंट माना जाता है। पाकिस्तानी नौसेना के अलावा, रॉयल थाई नेवी (आरटीएन) ने 2017 में एस26 (स्थानीय रूप से एस26टी के रूप में नामित) के तीन पनडुब्बियों का भी ऑर्डर दिया है। अनुमान लगाया गया है कि हंगोर-क्लास में छह 533 मिमी टारपीडो ट्यूब से लैंस होगी। युआन-क्लास के हथियारों के समान, हंगोर क्लास पनडुब्बियां हेवीवेट टॉरपीडो और एंटी-शिप मिसाइलों (एएसएचएम) दोनों को लॉन्च करने में सक्षम होंगी। दो आयुधों में से, यह माना जाता है कि पनडुब्बी चीनी मूल के यू-6 हेवीवेट टॉरपीडो या सीएम-708यूएनबी एंटी-शिप मिसाइल (एएसएचएम) ले जाएगी। इन दो के अलावा, आठ पनडुब्बियों में पाकिस्तान द्वारा विकसित परमाणु हमला करने में सक्षम बाबर- 3 पनडुब्बी-प्रक्षेपित क्रूज़ मिसाइल (एसएलसीएम) ले जाने की भी व्यापक रूप से उम्मीद की जाती है, जो 450 किमी की सीमा को कवर करने में सक्षम है। आशीष दुबे/ 27 अप्रैल 2024