ज़रा हटके
30-Apr-2024
...


-कैंसर और डायबिटीज भी कर देगा गायब नई दिल्ली (ईएमएस)। विशेषज्ञ की मानें तो कुल्फा हमारे खेतों में खरपतवार के रूप में खुद ही तैयार हो जाता है। इसमें विटामिन ए, विटामिन सी, विटामिन ए, मैग्निशियम, कैल्सियम, आयरन, पोटैशियम और ओमेगा-3 फैटी एसिड प्रचुर मात्रा में पाए जाते हैं। इसमें मौजूद कैल्सियम हड्डियों को मजबूत बनाने में मदद करता है। यह साग आमतौर पर बगीचों, मैदानों और सड़कों के किनारे पाया जाता है। इसके पत्ते और डंठल दोनों ही खाने के लिए इस्तेमाल किए जाते हैं। ये पौधा धूप की तेज तपिश में भी डटकर खड़ा रहता है, इसलिये इसकी खेती ज्यादातर गर्मियों में की जाती है। कुल्फा एक पत्तेदार पौधा है, जिसकी पत्तियां गोल होती है। इस पौधे पर छोटे पीले रंग के फूल उगते हैं, जो बाद में कैप्सूल जैसे फलों का रूप ले लेते हैं। यह शरीर में नमी को बनाए रखता है। शरीर में पानी की कमी को पूरा करता है। गर्मियो में लू से बचाता है। कुल्फा में मौजूद ओमेगा-3 फैटी एसिड शरीर में एलडीएल यानी बैड कोलेस्ट्रॉल की मात्रा को कम करने में मदद करता है। शरीर में बैड कोलेस्ट्रॉल की मात्रा कंट्रोल कर दिल को स्वस्थ रखा जा सकता है। कुल्फा कम ऊर्जा और ज्यादा फाइबर वाला साग है। यह पाचन तंत्र को मजबूत करके वजन को नियंत्रित करता है। इसकी वजह से यह मधुमेह से पीड़ित रोगियों के लिए भी बेहद ही फायदेमंद है। यह खून में शर्करा को नियंत्रित करने में भी मदद करता है। अगर आप अपनी हड्डियों और दांतों को हेल्दी और मजबूत बनाना चाहते हैं, तो कुल्फा को अपनी डाइट में जरूर शामिल करें। कुल्फा शरीर में रक्त निर्माण में सहायक होता है। यह एनीमिया की समस्या को दूर करता है। इसके अलावा इसमें मौजूद विटामिन ए और बीटा कैरोटीन आंखों की रोशनी बढ़ाने में मददगार होते हैं। कुल्फा का साग आयरन से भरपूर माना जाता है। अगर आपके शरीर में हीमोग्लोबिन की कमी है तो आपको इस साग को अपनी डाइट में शामिल करना चाहिए। कुल्फा का साग तेजी से आपके शरीर में खून की कमी को दूर करता है। कुल्फा में मौजूद एंटी-ऑक्सीडेंट शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने के साथ तंत्रिका तंत्र को मजबूत करने का काम करते हैं। इसका लगातार सेवन करने से कैंसर का खतरा कम होता है।कुल्फा के साग में एंटीइंफ्लामेटरी गुण होता है जो सूजन संबंधी सभी तरह की समस्याओं को कम करने में माहिर है। यानी अगर किसी को गठिया है तो कुल्फा का साग खाने से गठिया के दर्द से राहत मिल सकती है। कुल्फा को दाल में मिलाकर भी पका सकते हैं। इसके अलावा सब्जी भी बना सकते हैं या फिर दूसरी हरी सब्जियों के साथ मिलाकर पका सकते हैं। कुल्फा का पराठा और चीला बनाकर भी खा सकते हैं। डॉक्टरों के अनुसार, अगर किसी को पहले से किडनी की समस्या हो या फिर पथरी हो, तो वह कुल्फा का सेवन न करें। मालूम हो कि कुल्फा एक पत्तेदार पौधा है, जिसकी पत्तियां गोल होती है। इस पौधे पर छोटे पीले रंग के फूल उगते हैं, जो बाद में कैप्सूल जैसे फलों का रूप ले लेते हैं। यह शरीर में नमी को बनाए रखता है। यह साग आमतौर पर बगीचों, मैदानों और सड़कों के किनारे पाया जाता है। इस साग की खास बात यह है कि इसके पत्ते और डंठल दोनों ही खाने के लिए इस्तेमाल किए जाते हैं। सुदामा/ईएमएस 30 अप्रैल 2024