ज़रा हटके
15-May-2024
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-ये दुर्लभ फ्लॉवर बरसों में खिलता है एक बार वॉशिंगटन (ईएमएस)। आजकल अमेरिका में लाश जैसी बदबू देने वाला फूल खिला, जिसे देखने के लिए भीड उमड रही है। इस दुर्लभ प्रजाति के फूल को अमेरिका से लेकर इंडोनेशिया तक लोग लाइन लगाकर और टिकट खरीदकर इसको देखते हैं। यह फूल कई सालों में एक बार खिलता है। भारत में केरल में भी ये 08 साल पहले खिला था। इसका वजन 90 किलो तक होता है तो ऊंचाई तीन मीटर तक। अब आगे हम बताएंगे कि कैसी होती है इसकी वो गंध जो बहुत बुरी लगती है। संयुक्त राज्य अमेरिका के लासएंजिल्स स्थित वनस्पति उद्यान में जहां आजकल ये खिलाफ हुआ है, वहां रात में साफतौर पर हवा में शव सरीखी बदबू फैली रहती है। इसी वजह से इसे दुर्गंधयुक्त लाश फूल भी कहते हैं। कुछ कहते हैं कि इसकी गंध सड़े हुए पनीर जैसी है। कुछ इस बदबू को सड़ते मांस की तरह भी फील करते हैं। इसे देखते समय आमतौर पर लोग नाक बंद कर लेते हैं।ये अगर दुनिया का सबसे दुर्लभ फूल है तो सबसे लंबा भी। आमतौर पर इसकी ऊंचाई 12 फीट यानि तीन मीटर तक चली जाती है। ये बहुत कम दिनों के लिए खिलता है। इसके खास आकार के कारण इसे टाइटन लिंग फूल भी कहा जाता है। वैसे ये इंडोनेशिया के सुमात्रा के जंगलों में ज्यादा खिलता है। यूएस बोटेनिक गार्डन इसके कई फूल खिलते हैं। इंडोनेशिया के सुमात्रा में इसे देखने वालों की भीड़ लग जाती है। केरल में भी ये आठ साल पहले जब खिला था तो अखबारों और मीडिया की सुर्खियां बना था। तब ये केरल में छह साल के अंतराल के बाद खिला था। इस साल अमेरिका में 2024 का पहला शव फूल 24 अप्रैल की शाम को खुला, जिसकी लंबाई 85 इंच थी। अमेरिका में भी करीब 06 साल के बाद ये फूल खिल रहे हैं। हालांकि अमेरिका की संस्था यूएस बॉटनिकल गार्डन का कहना है कि ये केवल 2-3 दिन ही खिलता है। इसका वैज्ञानिक नाम मोर्फोफैलस टाइटेनम है। 100 से अधिक वर्षों में, 1889 से 2008 तक ये केवल 157 बार खिलना दर्ज किया गया। ये जंगली फूल है। इंटरनेशनल यूनियन फॉर कंजर्वेशन ऑफ नेचर (आईयूसीएन) द्वारा मृत फूल ( अमोर्फोफैलस टिटानम ) को लुप्तप्राय के रूप में सूचीबद्ध किया गया है। अनुमान है कि जंगल में ऐसे 1000 से भी कम फूल बचे होंगे। इनकी तादाद लगातार कम होती जा रही है। फूल एक विशाल भूमिगत तने से निकलता है।ये फूल केवल 03-04 दिन तक ही दिखाई देता है फिर गिरने लगता है। सुदामा/ईएमएस 15 मई 2024